रांची (RANCHI) : झारखंड सहित देश के अधिकांश राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है. लोग चैत के महीने में गर्मी की सितम से परेशान हैं. जबकि बैसाख और जेठ का आना बांकी है. चैत के महीने में सुबह होते ही कड़ाके की धूप का अहसास लोगों को होने लगता है. इस महीने गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 103 साल बाद ऐसा हुआ है जब कई जगह पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया है. झारखंड के कई जिलों का तापमान 42 से 43 डिग्री के पार चला गया है. राजधानी रांची सहित कई जिलो में तापमान के बढ़ने से गर्म हवा और लू चल रही है. वहीं मौसम विभाग की माने तो अभी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है. राज्य के उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व इलाकों में लू की चेतावनी जारी की है. हीट वेव चलने की वजह से अगले कुछ दिनों तक लोगों को ऐसे ही गर्मी सताती रहेगी. झारखंड में भीषण गर्मी की वजह से सरकार ने अगले आदेश तक केजी से आठवीं तक की कक्षाओं को बंद रखने का आदेश दिया है. मौसम विभाग के द्वारा लगातार तेज गर्मी की भविष्यवाणी से लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस बार गर्मी क्यों तेज पड़ रही है.
मई में कैसा रहेगा मौसम
चुकि अप्रैल का महीना आज खत्म हो रहा है और कल से मई का महीना शुरू होने वाला है. लोग जानना चाहते हैं कि मई में मौसम कैसा रहेगा. मौसम विभाग की माने तो मई में अधिकांश क्षेत्रों में गर्म हवा के साथ लू पड़ने की संभावना है. गर्मी का ये प्रचंड रूप अगले पांच दिनों तक जारी रहेगा. ऐसे में साफ है कि आने वाले मई माह में झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में लोगों को गर्म मौसम का सामना करना पड़ सकता है.
चैत में ही क्यों पड़ने लगी भीषण गर्मी, क्या है वजह
लोगों के मन में सवाल है कि चैत माह में ही जेठ जैसी भीषण गर्मी क्यों पड़ रही है. इसके कई कारण है. जिसमें ग्लोबल वार्मिंग, अल नीनो, पेड़ों की अत्यधिक कटाई, वायु प्रदूषण, सड़क पर गाड़ियों की ज्यादा होना सहित कई वजह शामिल है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हर साल मौसम गर्म होता जा रहा है. हरेक साल जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. साथ ही अल नीनो की वजह से भी गर्मी बढ़ रही है. अल-नीनो से मॉनसून भी कमजोर होता है, जिसके कारण बारिश कम होती है और सूखे की नौबत आती है. इसका असर खेती-बाड़ी पर भी पड़ता है.
अभी जो अल-नीनो चल रहा है इसकी शुरुआत 2023 में हुई थी, जिसका असर इस साल भी रहेगा. अल-नीनो का असर इस साल अपने अधिकतम स्तर पर रहेगा. इसका कारण बताया जा रहा है कि इंसानों द्वारा पैदा की जा रही कार्बन डाईऑक्साइड है, जो जलवायु परिवर्तन और तापमान बढ़ाने में मदद कर रही है. पेड़ों की अत्यधिक कटाई से भी मौसम पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है. पेड़ों की कटाई से वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. वहीं सड़क पर वाहनों की संख्या ज्यादा होना भी एक कारण माना गया है.