टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीते कल यानी मंगलवार (15 सितंबर) को दो दिनों के अंदर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जबतक जनता उन्हें दोबारा नहीं चुनती, तबतक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. इस घोषणा के बाद से ही दिल्ली की राजनीति में उबाल आ गई है. सीएम के नए चेहरे को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सीएम आवास में बैठकों का दौर जारी है. वहीं केजरीवाल के इस्तीफा की घोषणा के बाद कहा जा रहा है कि ऐसा कर के अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दांव खेला है. अपने विरोधियों को जवाब देते हुए केजरीवाल ने जनता को मजबूती के साथ जोड़ने की कोशिश की है.
अरविंद केजरीवाल के बाद सीएम के कुर्सी के लिए दावेदार कौन!
राजनीतिक गलियारों में इस बात पर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि दो दिन बाद जब केजरीवाल इस्तीफा देंगे तो दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में अगला चेहरा किसका होगा? हालांकि इस सवाल के जवाब में फिलहाल चार नाम निकलकर सामने आ रहे हैं. जिसमें सबसे पहले दिल्ली सरकार की मंत्री अतिशी है. दूसरे नंबर की बात की जाए तो अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल है, वहीं तीसरे नंबर पर दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज और AAP के वरिष्ठ नेता गोपाल राय है.
केजरीवाल के इस्तीफे के पीछे कुछ अहम बातें
- केजरीवाल ने जनता को संदेश दिया कि उन्हें कुर्सी से बहुत ज्यादा मोह नहीं है.
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह चाल चलकर लगातार हमलावर विपक्ष का मुंह बंद करने की कोशिश की.
- मुख्यमंत्री ने अपनी 'कट्टर ईमानदार' की छवि को मजबूत करने की कोशिश की है.
- हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर जनता के बीच अपनी छवि बनाने के लिए यह अहम फैसला लिया गया.
- केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 2015 में हुए चुनाव में आप को भारी बहुमत के साथ 70 में से 67 सीटें मिली थीं.
- केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है, क्योंकि 2015 में भी सीएम ने ऐसी ही चाल चली थी. जिसमें आप को बड़ी सफलता मिली थी.
- केजरीवाल के जेल जाने से उनकी छवि पर असर पड़ा है, इसे सुधारने के लिए यह प्रयास किया गया है.
- दिल्ली की जनता को यह अहसास कराने की भी कोशिश है कि यहां अच्छे स्कूल हैं, अच्छे अस्पताल हैं, मुफ्त बिजली-पानी है और महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा मिलेगी.
- अपने पद से इस्तीफा देकर केजरीवाल दिल्ली की जनता के मन की बात भी जानना चाहते हैं.
- केजरीवाल ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को झूठा बताते हुए यह घोषणा की है. यह कदम उठाकर उन्होंने अपनी छवि साफ करने की कोशिश की है.