धनबाद(DHANBAD) : झारखंड मुक्ति मोर्चा के "चंपाई चाचा" भाजपा में जाकर केवल "चंपाई" क्यों हो गए है. केवल झारखंड में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चंपाई सोरेन के पार्टी बदलने की चर्चा हुई थी. सोनी टीवी के बहुचर्चित कार्यक्रम में कौन बनेगा करोड़पति में चम्पाई सोरेन पर सवाल पूछे गए थे. 23 अगस्त को प्रसारित एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने हॉट सीट पर बैठी बिहार की प्रतिभागी से सवाल पूछा था कि फरवरी 2024 में चंपाई सोरेन ने किस राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया था. इसके विकल्प के रूप में चार राज्यों के नाम दिए गए थे. चम्पाई सोरेन कोल्हान के टाइगर भी कहे जाते है. लेकिन झामुमो में रहते हुए वह "चाचा" कहलाते थे, लेकिन भाजपा में केवल "चंपाई" होकर रह गए है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस पर कड़ा तंज कसा है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा है कि घाटशिला और बहरागोड़ा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के अपमान का आरोप लगाया. लेकिन उन्होंने खुद मंच पर चम्पाई सोरेन को सम्मान नहीं दिया. केंद्रीय महासचिव का कहना है कि गुरु जी हमेशा चंपाई बाबू और हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन उन्हें चाचा जी कहते थे और आज भी कहते है. भाजपा के चंपाई दा की इस बेइज्जती का कोल्हान बदला लेगा और 2019 का परिणाम दोहराएगा, वैसे कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में जाने के पहले चर्चाओं का बाजार गर्म था. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा अंत तक इस मामले में चुपी साधे रहा.
माना जा सकता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नेतृत्व भी चाहता था कि चम्पाई सोरेन खुद व खुद पार्टी छोड़ दे. पार्टी में रहकर वह नुकसान कर सकते है. अंततः चम्पाई सोरेन भाजपा में चले गए और उन्हें और उनके बेटे को भाजपा ने टिकट दे दिया. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा को तंज कसने का एक मौका मिल गया है. यह अलग बात है कि लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में लाने का उसे बहुत बड़ा फायदा नहीं मिला. सीता सोरेन भी दुमका से लोकसभा चुनाव हार गई. लेकिन चंपाई सोरेन के कंधे पर बंदूक रखकर कोल्हान को साधने की कोशिश भाजपा कर रही है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो