☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

दिन गिन रही धनबाद की संस्था झमाडा अब  क्यों  हो सकती है 1500 करोड़ का मालिक , पढ़िए इस रिपोर्ट में 

दिन गिन रही धनबाद की संस्था झमाडा अब  क्यों  हो सकती है 1500 करोड़ का मालिक , पढ़िए इस रिपोर्ट में 

धनबाद(DHANBAD) : कब किसकी आर्थिक दशा सुधर जाए, कब दिन फिर जाए, यह  कोई नहीं जानता. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से धनबाद में दिन गईं रही संस्था झमाड़ा के दिन फिरने की संभावना बन गई है. झारखंड सरकार की भी लंबित मांग पूरी हो सकती है. झारखंड सरकार को 1.36 लाख करोड रुपए मिल सकते हैं तो धनबाद के झमाड़ा  को लगभग 1500 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है. झमाडा  आर्थिक रूप से कमजोर हो गई है. 45 महीने से कर्मियों का वेतन बकाया है. 500 करोड रुपए की देनदारी भी है, लेकिन भूमि उपयोग कर मामले में 25 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया  है. सुप्रीम कोर्ट ने 2005 से भूमि उपयोग कर लेने का निर्देश जारी किया है.  2026 से क्रमबद्ध इंस्टॉलमेंट पर 12 सालों में बकाया एरियर  का भुगतान करना है.  

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  25 जुलाई को सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन कर बकाया कब से लागू होगा, इसे सुरक्षित रखा था.  लेकिन इसे भी अब क्लियर कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहली अप्रैल 2005 से सरकार को भूमि उपयोग कर लेने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से झमाडा कर्मियों में हर्ष है. उन्हें भरोसा है कि अब उनका बकाया मिल जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि यह बड़ी जीत है.  सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से हमारी लगातार मांग सफल हुई है. अब झारखंड को केंद्र से मिलेंगे अपने बकाए के 1. 36 लाख  करोड रुपये. धनबाद के झमाडा  को भी 1500 करोड रुपए मिलने का अनुमान है.  

बता दें कि धनबाद में अंग्रेजों के जमाने से झरिया माइन्स बोर्ड और झरिया वाटर बोर्ड काम कर रहे थे.  झरिया माइन्स बोर्ड के जिम्मे  में सफाई के काम थे तो झरिया वाटर बोर्ड के जिम्मे  में जलापूर्ति की जिम्मेदारी थी.  बाद में दोनों संस्थाओं को एक कर दिया गया और इसका नाम बदलकर माडा  कर दिया गया.  बिहार के सीनियर आईएएस  इसके प्रबंध निदेशक बनाए गए थे. उन्होंने कई योजनाओं पर काम भी किया.  फिर संस्थान का नाम बदलकर झमाडा  कर दिया गया.  धीरे-धीरे इसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती चली गई और अधिकारियों की पोस्टिंग में भी सरकार की रुचि नहीं रही.  सूत्र बताते हैं कि झंडा  के एमडी का पद कई सालों से प्रभार में चल रहा है.  नगर आयुक्त फिलहाल झमाडा  के एमडी  के प्रभार में है.  कर्मचारियों का बकाया भी बहुत हो गया है.  जो कर्मचारी अवकाश ग्रहण कर रहे हैं, उनका बकाया का भुगतान नहीं हो रहा था लेकिन अब राशि मिलने के बाद उनके बकाए का भुगतान हो सकता है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:16 Aug 2024 01:05 PM (IST)
Tags:DhanbadFaisalaJhamadaJharkhandKaramchari
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.