धनबाद(DHANBAD): धनबाद के डाकघर पर से लोगों का भरोसा टूटता जा रहा है. एक तो धनबाद के विभिन्न डाकघर से घोटाले की सूचनाएं आ रही है, तो दूसरी ओर मियाद पूरी होने के बाद भी राष्ट्रीय बचत पत्र का भुगतान नहीं मिल पा रहा है. जरा सोचिए- किसी ने लड़की की शादी के लिए पैसा रखा होगा, कोई घर बनवाने के लिए पैसा रखा होगा, तो कोई बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसा रखा होगा और अगर यह पैसा समय पर नहीं मिलता है तो फिर पैसा रखने वालों की क्या हालत होती होगी , यह सोचने वाली बात है. धनबाद के डाकघर में राष्ट्रीय बचत पत्र की मियाद पूरी होने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है. बड़ी संख्या में खाताधारक डाकघर का चक्कर लगा रहे है. राशि का भुगतान नहीं होने से परेशान है. डाकघर के अधिकारी, जो वजह बताते हैं, उससे उपभोक्ताओं का कोई लेना-देना नहीं है.
राष्ट्रीय बचत पत्र की एंट्री हुई है अथवा नहीं, यह देखना उपभोक्ताओं का काम तो नहीं
राष्ट्रीय बचत पत्र की एंट्री हुई है अथवा नहीं, यह देखना उपभोक्ताओं का काम तो नहीं है. अगर एंट्री नहीं हुई है, तो इसके लिए जवाब देह लोगो को क्या चिन्हित किया जा रहा है. क्या उनके खिलाफ कार्रवाई की कोई रूपरेखा तैयार की जा रही है. डाक विभाग का कहना है कि डाकघर में पहले काम ऑफलाइन हो रहा था. 2013 में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में 10 वर्षों के लिए एक स्कीम आई थी. ₹10000 जमा करने पर खाताधारक को 10 वर्ष पूरे होने पर 23,660 रुपये दिए जाने थे. जिन लोगों ने खाता खुलवाया, उन्हें विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया. अब जब मैच्योरिटी का समय पूरा हो गया है, तो प्रबंधन पैन कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य प्रमाण पत्र लेकर प्राप्ति रसीद दे रहा है. लेकिन राशि कब मिलेगी, इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है. डाक विभाग के अधिकारी का कहना है कि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में जिन लोगों की मैच्योरिटी पूरी हो गई है, राशि भुगतान को लेकर पहल की जा रही है. पहले पूरा इंतजाम ऑफलाइन था, ऑनलाइन होने पर एंट्री नहीं हुई. इस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. इस समस्या को जल्द दूर कर लिया जाएगा, लेकिन उपभोक्ताओं को डाक विभाग के इस आश्वासन पर भरोसा नहीं हो रहा है.
डाक विभाग में लगातार घोटाले की सूचनाएं आ रही है
भरोसा नहीं होने के भी कई वजह है. डाक विभाग में लगातार घोटाले की सूचनाएं आ रही है. गोविंदपुर के केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में घोटाले की जांच अभी चल ही रही थी कि वासेपुर के उप डाकघर में भी घोटाले की खबर आ गई. इसकी भी विभागीय जांच चल रही है. उदाहरण के तौर पर डाक विभाग के इस अधिकारी की हिम्मत तो देखिए!! धनबाद के गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर में पदस्थापित हुए तो 9 करोड रुपए से अधिक का घोटाला किया. जब वासेपुर उप डाकघर में पदस्थापित थे तो 15 करोड रुपए से अधिक की गलत निकासी कर ली. सवाल उठता है कि डाकघर में क्या कोई ऐसा सिस्टम डेवलप नहीं किया गया है, जिससे कि गड़बड़ी का तुरंत पता चल सके. सूत्र बताते हैं कि गोविंदपुर स्थित केके पॉलिटेक्निक उप डाक घर में गड़बड़ी के बाद जब जांच आगे बढ़ी और यह पता लगाए जाने लगा कि किन-किन जगहों पर सुमित कुमार सौरभ पदस्थापित रहे, तो वासेपुर के डाकघर में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है.
एक हर्र आईडी से 14 से 15 करोड रुपए की अतिरिक्त निकासी हुई
सूत्रों के अनुसार सुमित कुमार सौरभ की आईडी से ही वासेपुर के उप डाकघर में वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह गड़बड़ी की गई है. यह भी पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 21- 22 के दौरान तत्कालीन सब पोस्टमास्टर के स्थान पर सुमित कुमार सौरभ को डेपुटेशन पर भेजा गया था. इसी दौरान उनकी आईडी से लगभग 14 से 15 करोड रुपए की अतिरिक्त निकासी हुई है. इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं थी. केके पॉलिटेक्निक उप डाकघर मामले में सीबीआई ने जब मामला दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया ,तो यह बात सामने आई. दरअसल, सीबीआई ने मामला दर्ज कर यह पता लगाना शुरू किया कि सुमित कुमार सौरभ किन-किन उप डाकघर में प्रतिनियुक्त किए गए थे. इसे जब खंगाला गया तो यह बात सामने आई है. सूचना मिलने पर एस एसपी ने जाँच को एक विभागीय कमेटी का गठन कर दिया है. तीन सदस्य कमेटी इसकी जांच कर रही है. कमेटी में एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट के अलावा दो इंस्पेक्टर रखे गए है. तीनों अधिकारी लगातार मामले की जांच कर रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो