धनबाद(DHANBAD): धनबाद में रहकर बिहार की सोन नदी से "सोना" निकालने वाले एक -एक कर बिहार के बेउर जेल पहुंच गए है. धनबाद के पांच देवों में से एक नवरंगदेव सिंह(अब स्वर्गीय ) के पुत्र जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह प्राय सभी लोगों को बालू के धंधे में लाए थे. लेकिन धंधे में आने वालों को क्या मालूम था कि जगन सिंह की दोस्ती उन लोगों को बेउर जेल तक पहुंचा देगी, लेकिन हुआ यही. धनबाद में रहकर बिहार में बालू का खनन कराने वालों पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस गया है. ब्राडसंस कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशको और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज चल रही है. शुक्रवार को धनबाद के पुंज सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया . इसके पहले भी कई गिरफ्तारियां हुई है. गिरफ्तार लोगो में धनबाद और पटना के लोग शामिल है. लेकिन सर्वाधिक गिरफ्तारियां धनबाद के लोगो की हुई है.
एक -एक कर होती गई गिरफ्तारियां
जानकारी के अनुसार उपरोक्त दोनों कंपनियां चलाने वालों ने बालू का अवैध खनन कर भारी राजस्व का नुकसान सरकार को पहुंचाया है. ईडी की कार्रवाई का आधार बिहार पुलिस की ओर से पूर्व में दर्ज f.i.r. है. धनबाद में इस मामले में छापेमारी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की पहली बार एंट्री हुई थी. इसके पहले धनबाद में कभी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी नहीं हुई थी. पुंज सिंह के पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 13 सितंबर को एमएलसी राधा चरण सेठ को गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ्तारी हुई. फिर 16 सितंबर को धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे सतीश सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया. उसके बाद धनबाद के मिथिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद बबन सिंह और सुरेंद्र जिंदल की भी गिरफ्तारी की गई. कहा जाता है कि गिरफ्तार कई लोग कोयला और बालू के धंधे में सामंजस्य नहीं बैठा सके और प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गए.
पुंज सिंह ने विदेश जाने की मांगी थी अनुमति
सूचना के अनुसार पुंज सिंह पारिवारिक कार्य से विदेश जाने की तैयारी कर रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय से उन्होंने अनुमति मांगी थी. उसके बाद ईडी ने उन्हें दफ्तर बुलाया. जब वह कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें कि बिहार में आरा से लेकर औरंगाबाद तक सोन नदी के बालू खनन से जुड़ी गड़बड़ी में प्रवर्तन निदेशालय ने इसी साल 5 जून को धनबाद के 11 सहित हजारीबाग, बिहार और बंगाल में 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी में कारोबारी के ठिकानों से करीब डेढ करोड रुपए बरामद हुए थे. कई दस्तावेज भी बरामद किए गए थे. इसके बाद बारी-बारी से धनबाद में रहकर और बिहार में डेरा जमाए लोगों की गिरफ्तारी होती रही.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो