धनबाद(DHANBAD): झारखंड के आदिवासी लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन को मिली सफलता के बाद यह बात लगभग तय मानी जा रही है कि झारखंड में आदिवासी चेहरा को आगे कर ही अब राजनीति की जाएगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी तो है ही. आलमगीर आलम के बाद कांग्रेस भी विधायक दल का नेता किसी आदिवासी चेहरे को ही बना सकती है. ऐसे में रामेश्वर उरांव का नाम आगे आगे चल रहा है. इसका फैसला आज हो जाएगा.
आलमगीर आलम की जगह कौन मंत्री बनेगा
वैसे, झारखंड में आलमगीर आलम की जगह कौन मंत्री बनेगा, इसका भी निर्णय संभवत आज हो जाएगा. झारखंड सरकार में 12 वे मंत्री का पद भरा जाएगा या आगे भी खाली ही रहेगा, इस बार भी छाया धुंध आज हट जाएगा. सूत्रों के अनुसार झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव कांग्रेस विधायक दल के नेता बन सकते हैं. वहीं आलमगीर आलम की जगह जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी या महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह में से किसी एक को चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. गांडेय विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन झारखंड सरकार में 12वीं मंत्री बनेगी या यह पद अभी खाली ही रहेगा, इस पर भी आज निर्णय हो सकता है. वैसे तो 2019 में रघुवर दास की सरकार में भी यह 12वां पद खाली रहा था.
आलमगीर आलम की जगह मंत्री पद को लेकर खींचतान तेज है. वैसे आलमगीर आलम के त्यागपत्र देने के पहले ही मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आलमगीर आलम के सभी विभाग अपने पास ले लिए थे. इस हालत में कांग्रेस ने जल्द से जल्द कांग्रेस कोटे से मंत्री बनाने का दबाव मुख्यमंत्री पर बढ़ा दिया है. मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से एक अल्पसंख्यक चेहरा हफीजुल हसन है जबकि कांग्रेस की ओर से आलमगीर आलम थे. कांग्रेस संगठन पर दबाव है कि अल्पसंख्यक चेहरा हटने के बाद उनकी जगह पर अल्पसंख्यक चेहरा को ही मंत्री बनाया जाए. ऐसे में इरफान अंसारी का नाम ऊपर चल रहा है. हालांकि कोलकाता कैश कांड के कारण पार्टी में उनकी छवि थोड़ी धूमिल हुई है. अगर इरफान अंसारी को मंत्री बनने में कोई अड़चन आए तो पार्टी दीपिका सिंह पांडे पर दाव खेल सकती है .
दीपिका सिंह पांडे महागामा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक हैं. डॉक्टर इरफान अंसारी के विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन के उम्मीदवार को लोकसभा में बढ़त मिली है, तो महागामा में भी कांग्रेस को अच्छी मात्रा में वोट मिले हैं. ऐसे में कौन मंत्री बनता है, यह देखने वाली बात होगी. बुधवार को यानी आज बैठक में सब कुछ तय हो जाएगा.
किन कारणों से कौन कहां से हारा, इसकी भी आज समीक्षा हो सकती
झारखंड में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत में होने हैं. लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. किन कारणों से कौन कहां से हारा, इसकी भी आज समीक्षा हो सकती है. वैसे धीरे-धीरे झारखंड में पार्टियां चुनावी मोड की ओर बढ़ रही है. मुख्यमंत्री के पास भी समय कम है और काम अधिक है. आचार संहिता खत्म होते ही बैठकों का दौर जारी है. निर्देश दिए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था संबंधी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को अपराध पर रोक लगाने, आदिवासियों की जमीन पर दखल दिलवाने, अवैध खनन और ड्रग्स के कारोबार पर रोक लगाने ,एससी-एसटी के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने, अपराधियों और तस्करों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है. इसके अलावे मुख्यमंत्री ने सीएनटी, एसपीटी एक्ट के तहत दर्ज जमीन से जुड़े उन सभी मामलों में आदिवासियों को जमीन पर दखल दिलाना सुनिश्चित करने को कहा है. जिसमें कोर्ट से डिग्री मिल चुकी है. साथ ही उन्होंने जो डिग्री मिली है, उसकी सूची पब्लिक डोमेन में प्रकाशित करने को भी कहा है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि झारखंड में सरकार चुनावी मोड में आ गई है.
झारखंड में हर तरफ बहाली, बदहाली, भ्रष्टाचार और अपराध: अमर कुमार बाउरी
इधर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोशल मीडिया के पोस्ट पर लिखा है कि झारखंड में हर तरफ बहाली, बदहाली, भ्रष्टाचार और अपराध हैं. अखबारों की खबर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि राज्य के 400 घाटों से बालू उत्खनन पर 15 अक्टूबर तक रोक लगी है. विभाग का दावा है कि पर्याप्त स्टॉक है. मगर ₹2500 का 100 CFT बालू अब 6500 में मिल रहा है. बिजली संकट से राज्य बेहाल है. रोज लोग रतजग्गा करने को विवश है. 50 किलो की बोरी में मिल रहा है केवल 40 किलो चावल.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो