TNP DESK: लोकसभा का चुनावी विगुल बज चुका है. चुनाव को लेकर प्रशासन के साथ साथ लोग भी अपने अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दिये हैं. लेकिन चुनावी बिगुल बजने के बाद भी NDA और I.N.D.I.A. गठबंधन ने गिरिडीह से अपने अपने कैंडिडेट के नाम की घोषणा अभी तक नहीं की है. उधर दोनों के कार्यकर्ता अपने अपने कैंडिडेट के नाम जानने के उत्सुक में है,कि आखिर कौन होगा उनके पार्टी का उम्मीदवार.
आपको बता दें कि भाजपा ने झारखंड के 14 सीटों में से 11 पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी भी गिरिडीह,चतरा और धनबाद सीट पर उन्होंने कैंडिडेट की घोषणा नहीं किया है. ऐसे में कयासों का बाजार गर्म है कि गिरिडीह से NDA गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा. झारखंड में NDA गठबंधन के तहत भाजपा,आजसू और जेडीयू शामिल हैं. इसलिए राजनीतिक गलियारों की खबर में गिरीडीह सीट को लेकर लगभग यह तय है कि यह सीट आजसू के खाते में जा सकती है! और अगर यह तय माना जाय तो अभी तक ये क्लियर नही है कि गिरिडीह से आजसू का उम्मीदवार कौन होगा.
उधर I.N.D.I.A. गठबंधन ने भी गिरिडीह से अपने कैंडिडेट के नाम की घोषणा अभी तक नहीं किया है,जिससे इनके कार्यकर्ताओं में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर गिरिडीह से उनके पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा. राजनीतिक गलियारों की खबर में यहां भी कई नामों की चर्चा जोरों पर है. लेकिन जब तक फाइनल नाम पर मुहर नही लग जाता है, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है.
इधर एक नए क्षेत्रीय पार्टी की चर्चा जोरों पर है, और वो नाम है झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति का. और इनके सुप्रीमो है टाइगर जयराम महतो. जयराम महतो ने बीते दिनों गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. झारखंडी अस्मिता की पहचान बचाने को लेकर टाइगर जयराम महतो गिरिडीह के सियासी अखाड़े में इंट्री मार चुके हैं. वे बीते दिनों गिरिडीह लोकसभा के कई क्षेत्रों में ताबड़तोड़ जनसभा भी कर चुके हैं, और जनसभा के माध्यम से झारखंडी अस्मिता को बचाने का एलान के साथ गिरिडीह से अपने नाम की घोषणा भी कर चुके हैं.
वहीं सोशलिस्ट पार्टी लोहिया के मृणालकान्ति देव के अलावे कई निर्दलीय उम्मीदवार भी गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. ऐसे में जनता सोचने पर मजबूर हो जाएंगी कि गिरिडीह के गद्दी पर किन्हें बिठाए. N.D.A. या I.N.D.I.A. के उम्मीदवार को, या फिर है उनके पास कोई तीसरा विकल्प.
रिपोर्ट: संजय कुमार, बोकारो