रांची : झारखंड के 14 लोकसभा सीट में से रांची सीट सबसे महत्वपूर्ण है. रांची संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाया है. उनका सामना वर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ से होगा. यशस्विनी सहाय पूर्व केंद्रीय मंत्री व रांची सीट से तीन बार सांसद रह चुके सुबोधकांत सहाय की बेटी है. रांची से कांग्रेस का टिकट पाने के रेस में कई नेता थे, जिसमें पांच बार के सांसद रामटहल चौधरी भी शामिल थे, लेकिन पार्टी ने रांची में नया दांव खेलकर बड़ा प्रयोग किया है. इस सीट पर 25 मई को मतदान होगा.
मुंबई में वकालत करती हैं यशस्विनी सहाय
रांची सीट से तीन बार सांसद रह चुके सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय की मां का नाम रेखा सहाय है. रेखा सहाय मशहूर टीवी कलाकार रहीं हैं. यशस्विनी सहाय ने मुंबई से एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने ट्रांस्नेशनल क्राइम एंड जस्टिस में मास्टर डिग्री इटली के टुरिन से हासिल की. फिलहाल मुंबई में वो फैमली कोर्ट और सेशन कोर्ट में बतौर अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस कर रही है. पढ़ाई के दौरान ही सामाजसेवा में भी जुड़ गई थीं. वह गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से जुड़ी हैं. झारखंड में बाल श्रम, यौन शोषण की रोकथाम और पॉक्सो एक्ट के सफल कार्यान्वयन के लिए काम कर रही हैं. बच्चों के हक और अधिकार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेती रहती हैं. इस उल्लेखनीय काम में हमेशा पिता सुबोधकांत और माता रेखा सहाय का सहयोग मिलता रहता है. यशस्विनी सहाय के द्वारा किये गये कई कार्यों को तारीफ भी मिली है.
यशस्विनी के पिता सुबोधकांत रांची से तीन बार रहे चुके हैं सांसद
रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार यशस्विनी सहाय पार्टी के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी हैं. सुबोध कांत सहाय खुद तीन बार रांची से सांसद चुने गये हैं. उन्होंने रांची से पहली बार जनता दल के टिकट पर वर्ष 1989 में जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे. इसके बाद वर्ष 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर संसद चुने गये. रांची सीट से यशस्विनी सहाय 6 मई को नामांकन दाखिल करेंगे. जबकि बीजेपी के संजय सेठ ने गुरुवार को अपना पर्चा दाखिल किया है. झारखंड में गठबंधन के तहत कांग्रेस को सात सीटें मिली है, जिसमें रांची लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है. यहां 25 मई को वोटिंग है. अब तो चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा कि यहां से कौन संसद पहुंचता है.