रांची(RANCHI): झारखंड में हुए बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्य और केंद्र दोनों सरकारों पर सवाल उठ रहे है. आखिर झारखंड में बंगलदेशी घुसपैठ हुआ तो इसका जिम्मेवार कौन है? अगर बॉर्डर पर चूक हुई और बंगलादेशी संताल में घुस गए. फिर सरकारी दस्तावेज बना दिए गए. तो सवालों के घेरे में राज्य और केंद्र दोनों सरकारे है. किसी देश की सुरक्षा की जिम्मेवारी बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स की होती है और बीएसएफ़ केंद्र के अधीन आता है,वहीं राज्य की विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है. लेकिन दोनों सरकार पूरी तरह से फेल साबित होती हुई दिख रही. अब इस घुसपैठ पर सिर्फ राजनीतिक रोटी सेक कर वापस से सत्ता में आने की बात हो रही है. कोई भी इस मुद्दे का हल निकालने को तैयार नहीं है.
एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
देखा जाए तो केन्द्रीय मंत्री से लेकर राज्य सरकार के मंत्री इस मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है. साथ ही लोकसभा से लेकर झारखंड विधानसभा में भी हंगामा बरपा है. लोकसभा में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर इस्तीफे तक की बात कह डाली है. वहीं झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने मजाकिया लहजे में देश की सीमा की सुरक्षा के लिए झारखंड पुलिस भेजने की बात की है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी झारखंड दौरे पर पहुंचे थे तो राज्य पर बंगलदेशी घुसपैठियों को बसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा है कि झारखंड में आदिवासियों को बेदखल करने की तैयारी चल रही है. लव जिहाद से लेकर LAND जिहाद का खेल चल रहा है. सरकार घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है.
सरकार कर रही घुसपैठ से इनकार
जिस तरह से अमित शाह ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है यह राजनीतिक बयानबाजी है. राज्य सरकार की जिम्मेवारी थी अगर राज्य में कोई बॉर्डर पार कर आया है. तो उसे चिन्हित कर कार्रवाई करने का काम किया जाए लेकिन जब केन्द्रीय गृह मंत्री ने रजनीतिक बयान दिया तो राज्य सरकार के मंत्री कहाँ पीछे रहने वाले थे सीधे इसका ठीकरा केंद्र पर फोड़ते हुए. किसी तरह के घुसपैठ झारखंड में नहीं होने का दावा किया है.
निशिकांत दुबे ने अलग राज्य की कर दी मांग
अब झारखंड में हंगामा बरपा है तो लोकसभा में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा सत्र में मुर्शिदाबाद,अररिया,किशनगंज,साहिबगंज और अन्य क्षेत्र को मिला कर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर दी है. निशिकांत ने दावा किया है की अगर घुसपैठ का मामला झूठा निकला तो वह लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे.
सभी राजनीतक दल को एक साथ इस मुद्दे का हल खोजने की जरूरत है
झारखंड या किसी भी राज्य में कोई घुसपैठ कर बसता है तो यह देश के साथ साथ राज्य और स्थानीय लोगों के लिए एक गंभीर मुद्दा होता है. क्षेत्र की भौगोलिक स्तिथि बदलने लगती है. इस मामले को सभी राजनीतिक दल राजनीति का मुद्दा ना मान कर देश की समस्या समझ कर एक साथ इसे निजात दिलाने के दिशा में काम करे तो बेहतर होगा. नहीं तो आने वाले दिनों में इस समस्या का समाधान जटिल होने से कोई नहीं रोक पाएगा.