जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): इन दिनों लौहनगरी जमशेदपुर में एक गैंगस्टर के नाम की काफी चर्चा हो रही है. यह नाम गणेश सिंह का है. जिसको पुलिस ने 48 घंटे के लिए रिमांड पर रखा है. बता दें कि साल 2022 के अक्टूबर महीने में टेल्को क्षेत्र में गणेश सिंह ने रंजीत हत्याकांड को अंजाम दिया था. गणेश सिंह पर आरोप है कि रंजीत सिंह हत्याकांड के समय वह मौके पर मौजूद था. इस कांड में गिरफ़्तार आरोपियों ने भी इसके नाम की संलिप्ता बताई थी, लेकिन इसने इंकार कर दिया था. लौहनगरी में जब इस नाम की इतनी ज्यादा चर्चा हो रही है, तो चलिए जान लेते है आखिर गणेश सिंह का इतिहास क्या रहा है, और कैसे इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा.
इस वजह से अपराध की दुनिया में रखा कदम
जब भी कोई आम इंसान अपराध की दुनिया में कदम रखता है तो उसके पीछे जरूर कोई बड़ी वजह होती है. चाहे उसके पीछे कोई पुरानी दुश्मनी हो या फिर कोई बदला. गणेश सिंह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. अपराध की दुनिया में कदम रखने से पहले गणेश सिंह का बैकग्राउंड भी काफी अच्छा था. वह अच्छे परिवार से था. पुणे से उसने एमबीए की पढ़ाई की. वहीं इसके बाद वह बैंक में नौकरी करने लगा. फिर उसने साल 2010 में जमीन का कारोबार शुरू किया. उसने अपनी पुस्तैनी जमीन को ही बेचकर इस धंधे की शुरुआत.
साल 2016 में पहली बार इसका नाम सुर्खियों में आया
पहली बार गणेश सिंह सुर्खियों में तब आया था जब साल 2016 में उसके खिलाफ एक मारपीट का मामला थाने में दर्ज किया गया. पहली बार साल 2016 में जमीन विवाद में अमरनाथ सिंह और रणजीत सिंह आमने सामने आए. इसी जमीनी विवाद में ही गणेश सिंह ने अमरनाथ सिंह के भाई शक्ति सिंह पर फायरिंग करवाई थी, जिससे बौखला कर बदला लेने के लिए अमरनाथ सिंह ने भी गणेश सिंह के छोटे भाई प्रशांत सिंह पर फायरिंग करवाई. यहीं से दोनों की दुश्मनी की शुरुआत हुई थी.
मारपीट के मामले में गणेश का सामना अमरनाथ सिंह से हुआ
यह वह दौर था जब गणेश सिंह धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में कदम रख रहा था.अमरनाथ सिंह और गणेश सिंह में कई बार ज़मीन करोबार को लेकर गैंगवार होता रहा. इसी बीच अमरनाथ सिंह ने मानगो में ज़मीन का धंधा शुरू किया, लेकिन गणेश सिंह ने इसको किसी तरह से बंद करवा दिया. जिसको लेकर अमरनाथ गिरोह के लोगों ने गणेश सिंह गिरोह के बीच जमकर मारपीट हुई, और मामला थाने में पहुंच गया. दोनों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.
इस वजह से फिर एक बार गणेश सिंह का नाम सुर्खियों में है
पुलिस के सामने गणेश सिंह और अमरनाथ सिंह ने कभी दोबारा मारपीट नहीं करने का समझौता किया और जेल से बाहर आ गये, लेकिन दोनों के बीच दुश्मनी बिल्कुल कम नहीं हुई. आये दिन दोनों में गैंगवार होता रहा, दोनों में दुश्मनी इतनी बढ़ गई कि दोनों एक दुसरे के खून के प्यासे बन गये. साल 2018 में गणेश सिंह गिरोह के राहुल नाम के एक लड़के पर मानगो के बैकुंठ नगर में अमरनाथ गैंग की ओर से फायरिंग की गई. वहीं साल 2021 में अमरनाथ गिरोह के कुल 15 सदस्य रंजीत सिंह की हत्या की योजना बनाते भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार हुए थे. वहीं साल 2022 में रंजीत सरदार हत्याकांड को अंजाम दिया गया था, जिसमें गणेश सिंह की संलिप्पता सामने आई थी. वहीं जरमुड़ी में अमरनाथ की हत्या के मामले में भी गणेश सिंह पर मामला दर्ज है. अब फिर जब इस केस की जांच हो रही है, तो इस केस में लौनगरी में रणजीत सिंह का नाम उछला है और इस नाम की काफी चर्चा हो रही है.