धनबाद(DHANBAD): भाजपा के "चाणक्य" झारखंड आए और चले गए, लेकिन विस्तृत कार्य समिति से किसका कद बढ़ा गए, इसको लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है. अमित शाह के एक बगल पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा बैठे थे तो दूसरी बगल प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी. इसका क्या मतलब हो सकता है, इसको लेकर चर्चा तेज है. अर्जुन मुंडा खूंटी से 2024 का लोकसभा का चुनाव हार गए है. अब वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. कहां से लड़ेंगे, यह बात भले ही तय नहीं है, लेकिन विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, इसमें कोई इफ-बट नहीं है. सूत्र बताते हैं कि अपनी पुरानी सीट खरसावां से अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ना नहीं चाहते है. जो भी हो, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को निष्कंटक रास्ता दिया था. अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया था. लोकसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने अपनी सूझबूझ के साथ काम किया और एनडीए गठबंधन को 9 सीटें आई. यह अलग बात है कि 2019 के परिणाम से यह पीछे रहा.
22 मिनट के संबोधन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने में नहीं छोड़ी कोई कसर
जो भी हो, लेकिन अमित शाह अपने 22 मिनट के संबोधन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कार्यकर्ताओं से पूछा-सरकार बदलनी है या नहीं, झारखंड में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी है या नहीं, मंच के सामने लोगों ने हाथ उठाकर जब हां में प्रतिक्रिया दी तो उन्होंने कहा कि आवाज इतनी जोर से लगाओ कि इसकी गूंज दिल्ली में मोदी जी तक पहुंचे. यह अलग बात है कि भाजपा के विस्तृत कार्य समिति की बैठक में निशाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस रहे. कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस जेल में बंद आलमगीर आलम को फिर से टिकट देगी. इसकी वजह यह है कि अगर टिकट नहीं देगी तो वह बड़े-बड़े नेताओं का राज खोल देंगे.
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के बहाने कांग्रेस को लिया निशाने पर
भ्रष्टाचार पर वार करते हुए अमित शाह ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के बहाने कांग्रेस को निशाने पर लिया. आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के नौकर के पास से मिले 32 करोड़ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में इस कदर लिप्त है कि वह उस नेता को फिर से टिकट देगी. अमित शाह ने कहा कि यह कांग्रेस की मजबूरी है, वरना वह कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं की पोल पट्टी खोल देंगे. सूत्र बताते हैं कि भाजपा कोर कमेटी की बैठक भी हुई. उस बैठक में अमित शाह ने चुनाव प्रभारी से फीडबैक लिया. चुनौतियों पर भी चर्चा की. बैठक में संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ने, जमीन कब्ज़ा किये जाने और आदिवासी बेटियों से विवाह कर जमीन को कब्जे में लेने के मामलों को लेकर चुनाव में जाने पर चर्चा हुई. यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा इन मुद्दों पर आक्रामक तरीके से चुनाव लड़ेगी. राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दे भी उठाए जाएंगे. जो भी हो लेकिन अमित शाह ने शनिवार को रांची की जमीन से झारखंड में चुनाव का शंखनाद कर दिया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो