देवघर(DEOGHAR): देवघर का त्रिकुट पहाड़ जहां झारखंड का एक मात्र रोपवे संचालित होता था. रोपवे से स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया होती थी. खासकर सावन के महीने में सैलानियों से यह पूरा क्षेत्र खचाखच भरा होता था. पिछले साल 10 अप्रैल को हुए रोपवे घटना के बाद इसका संचालन बंद कर दिया गया है जिससे यहां आने वाले पर्यटकों में मायूसी तो है ही साथ साथ इससे आश्रित स्थानीय लोगों को रोजी रोटी पर आफत हो गया है.
पर्यटकों में मायूसी और दुकानदारों की स्थिति खराब
देवघर के त्रिकुट पहाड़ में स्थित राज्य का एकमात्र रोपवे का आनंद लेने सालों भर सैलानियों का तांता लगा रहता था. सावन के पावन महीने में बाबा का जलाभिषेक करने आने वाले अधिकांश श्रद्धालु इस रोपवे का आनंद अवश्य उठाते थे. लेकिन पिछले साल अप्रैल में हुए रोपवे दुर्घटना के बाद इसके संचालन पर रोक लगा दी गई है. सुरक्षा कारणों से लिया गया सरकार के निर्देश पर रोपवे का परिचालन ठप हो गया है. इस रोपवे का आनंद लेने राज्य ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से पर्यटक यहां आते थे. इन्हीं पर्यटकों के सहारे यहां के दुकानदार आश्रित रहते हैं लेकिन पिछले लगभग 16 माह से अधिक समय से यहां पर्यटक न के बराबर आ रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में यहां दुकान लगा कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले दुकानदारों के समक्ष विकट आर्थिक परेशानी सामने आ गई है. जिससे इनके दैनिक जीवन पर गहरा असर पड़ा है. अब यहां के दुकानदार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सावन के माह में रोपवे का आनंद लेने के पहुंचने वाले सैलानियों में मायूसी देखी जा रही है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा