दुमका (DUMKA): दुमका जिला का नक्सल प्रभावित प्रखंड है शिकारीपाड़ा. नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जिले में शसस्त्र सीमा बल की तैनाती की गई. एसएसबी 35वी बटालियन का मुख्यालय बिजयपुर में स्थापित किया गया. नक्सल प्रभावित थाना में एसएसबी की एक कंपनी की तैनाती की गई. विगत कुछ वर्षों में एसएसबी 35वीं बटालियन द्वारा नक्सलियों के खात्मे की दिशा में बेहतर कार्य किए गए. जिला बल के साथ मिलकर एसएसबी 35वी बटालियन ने शिकारीपाड़ा के बीहड़ जंगल में कुछ वर्ष पूर्व इनामी नक्सली कमांडर ताला दा को मार गिराया. कई नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई तो कई ने आत्मसमर्पण किया.
महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर का किया गया आयोजन
अब जबकि जिले में नक्सली अपना अंतिम दिन गिन रहा है. ऐसी स्थिति में एसएसबी का यह प्रयास है कि क्षेत्र में नक्सली फिर से ना पनपे इसको लेकर एसएसबी 35वीं बटालियन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में सरसाजोल गांव में महिलाओं और छात्राओं के लिए सिलाई कटाई का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया. उच्च विद्यालय सरसाजोल में 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 26 महिलाओं और छात्राओं ने भाग लिया. एसएसबी में कार्यरत लोगों ने सिलाई - कटाई का प्रशिक्षण दिया. महिलाओं और छात्राओं ने काफी मेहनत से इसकी बारीकियां को सीखा.
एसएसबी के द्वारा लगातार किया जाएगा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने पर आज गुरुवार को सभी को प्रमाण पत्र दिया गया. इस अवसर पर मुखिया परमेश्वर मुर्मू और विद्यालय के प्रिंसिपल असीम मंडल भी उपस्थित थे. सशस्त्र सीमा बल के द्वितीय कमान अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि कमांडेंट एम.के. पांडे के निर्देश पर यह कार्यक्रम चलाया गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके तहत मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एसएसबी द्वारा लगातार किया जा रहा है और उसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है. उन्हें रोजगार से जोड़ना है.
ज्ञात हो कि जिस सरसाजोल गांव में यह प्रशिक्षण आयोजित हुआ उसी गांव में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन नक्सलियों ने पोलिंग पार्टी को निशाना बनाया था. जिसमें आठ लोगों की जानें गई थी.
रिपोर्ट. पंचम झा