टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड में 60/40 नियोजन नीति को लेकर राज्य के युवा आये दिन सड़क पर रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर हैं. सोमवार को भी रांची में सीएम आवास के घेराव के दौरान सीएम आवास के 200 मीटर की सीमा तक जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लगाया था. इसके साथ ही सीटी एसपी और अन्य पुलिस पदाधिकारियों की ओर से लगातार प्रदर्शन कर रहे युवाओं से मोरहाबादी मैदान से आगे नहीं बढ़ने की अपील की गई. लेकिन छात्र सरकार के खिलाफ बहुत आक्रोशित थे. इनके आंदोलन को उग्र होता देख प्रशासन की ओर से इनपर हल्का बल प्रयोग किया गया. इसके साथ ही सड़क के बीच बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया.
आखिर क्यों छात्रों में इतना आक्रोश है
इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों छात्र इतने आक्रशित है. आखिर ये किस चीज की मांग कर रहे है. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जिस तरह प्रदर्शन को रोकने के लिए 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाया गया है. उसी तरह जब आगामी 2024 विधानसभा चुनाव झारखंड में होगा. तो वोटिंग बूथ के 200 मीटर के दायरे में बेरोजगार छात्र भी धारा 144 लगाने का काम करेंगे. और नेताओं के आगमन पर रोक लगा देंगे.झारखंड में जब से 60/40 नई नियोजन नीति लागू की गई. तब से बेरोजगार युवा इसके खिलाफ आवाज उठा रहे है. लेकिन अब तक की रोजगार की मांग को नहीं पूरा किया जा सका है. जिससे इनके सब्र का बाण टूट रहा है.
झूठ की बिसात पर मिली हेमंत सोरेन को सत्ता- बाबूलाल मरांडी
झारखंड में विपक्षी पार्टी की ओर से भी लगातार हेमंत सरकार के खिलाफ नियोजन नीति को लेकर घेरा जाता है. इसी क्रम में झारखंड के पूर्व सीएम सह बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला किया है.और लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी अब उन बच्चों से क्यों नहीं मिलते हैं. जिनके कंधे पर हाथ रखकर उनको नौकरी और रोजगार का सपना दिखाकर चुनाव जीते थे. झूठ की बिसात पर सत्ता मिल गई. हेमंत सोरेन पर अहंकार हावी हो गया. और वादे अतीत हो गये है.आज राज्य के युवा सीएम से मिलकर पूछना चाहते हैं. तो बंदूकों के संगीनों में वो इन युवाओं से नज़रे छिपा रहे हैं.शांति भंग के आरोप में केस मुकदमों का भी खेल इन युवाओं के साथ खेला जा रहा है.
कबतक जवाब देने से बचिएगा मुख्यमंत्री जी?- बाबूलाल
आगे बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से सवाल करते हुए कहा कि, आखिर कबतक जवाब देने से बचीयेगा मुख्यमंत्री जी? आपकी चुप्पी और अकर्मण्यता ने तो पिछले 40 महीनों में आपकी मंशा जगजाहिर कर दी है. आपकी यह वादाखिलाफी आपके राजनैतिक कैरियर को बर्बाद करके ही छोड़ेगा.
क्या है छात्रों की मांग ?
आपको बताये कि छात्र लगातार झारखंड सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं. चुनाव के समय सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के तीन साल बीत जाने के बाद भी युवाओं किये मांगों को पूरा नहीं कर पाये है. जिससे इनमे गुस्सा व्याप्त है.ये तो पक्ष-विपक्ष के नेताओं की राजनीति है. इनकी राजनीतिक बयानबाजी तो चलती रहेगी. लेकिन ये सब के बाद एक ही सवाल अब भी युवाओं के सामने है. कि आखिर रोजगार कब मिलेगा.
रिपोर्ट- प्रियंका कुमारी