धनबाद(DHANBAD) | रविवार को धनबाद का मौसम ठंडा था लेकिन मजदूर संगठनों में तपिश बढ़ी हुई थी. बढ़े भी क्यों नहीं. आज घोषणा हुई कि सिंह मेंशन से एक और मजदूर संगठन चलेगा. सूर्यदेव सिंह गठित जनता मजदूर संघ तो चलता रहेगा लेकिन जनता श्रमिक संघ भी सिंह मेन्शन से ही संचालित होगा. मतलब आपसी विवाद इतना अधिक बढ़ गया है कि अब नया संगठन बनाकर काम करने की नौबत आ गई है. यह बात तो तय है कि कोयलांचल की राजनीति में धमक बनाए रखने के लिए मजदूर संगठन की जरूरत सभी राजनीतिक नेताओं को होती है. यही वजह है कि सभी कद्दावर कहे जाने वाले नेता किसी न किसी मजदूर संगठन से जुड़े होते है. सूर्यदेव सिंह ने भी राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ से अलग होकर जनता मजदूर संघ का गठन किया था. उस समय भी उन्हें अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए मजदूर संगठन की जरूरत महसूस हुई थी.
जब तक जीवित रहे, बेताज बादशाह की तरह रहे सूर्यदेव बाबू
यह बात अलग है कि जब तक वह जीवित रहे, बेताज बादशाह की तरह रहे. उनके द्वारा गठित जनता मजदूर संघ ने ही उन्हें कभी मजदूरों का मसीहा बनाया तो कभी कोयलांचल का डॉन की उपाधि दिलाई. उनके निधन के बाद जनता मजदूर संघ दो गुटों में बट गया. एक गुट जनता मजदूर संघ(कुंती गुट ) कहलाता है तो दूसरा जनता मजदूर संघ ( बच्चा गुट ) के नाम से जाना जाता है. लेकिन अब जनता श्रमिक संघ की घोषणा कर दी गई है. घोषणा करने वालों ने बैनर में सूर्यदेव सिंह की तस्वीर लगाई थी, साथ में संजीव सिंह और रागिनी सिंह की तस्वीर भी लगी हुई थी. संजीव सिंह के बेहद करीबी और रिश्तेदार संतोष सिंह इसके अध्यक्ष बनाए गए है. इस घोषणा ने आज कोयलांचल की फिजा में मौसम ठंड होने के बावजूद तपिश बढ़ा दी है. मतलब साफ है कि संजीव सिंह अथवा रागिनी सिंह का जनता मजदूर संघ में कुछ नहीं चल रहा है, इसलिए इन लोगों ने नया मजदूर संगठन खड़ा किया है.
तैयारी बहुत पहले से चल रही थी,परिणाम आज दिखा
हालांकि, सूत्र बताते हैं कि इसकी तैयारी बहुत पहले से चल रही थी. कार्रवाई पूरी कर ली गई थी , औपचारिक घोषणा बाकी थी. जिसकी आज घोषणा कर दी गई. इसके साथ ही यह सवाल भी खड़ा होता है कि अब परिवार की राजनीति थोड़ा बदलेगी. या तो कुंती गुट छोड़कर सिंह मेन्शन के समर्थक जनता श्रमिक संघ में शामिल होंगे. अथवा पहले की तरह जनता मजदूर संघ से जुड़े रहेंगे. सिंह मेन्शन समर्थकों के सामने भी ऊहापोह की स्थिति निश्चित रूप से पैदा होगी. इन परिस्थितियों में वह करें तो क्या करें ,रघुकुल और सिंह मेन्शन के बीच विवाद जगजाहिर है. दोनों में 36 का आंकड़ा चल रहा है. पूर्व विधायक संजीव सिंह अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद है. इस बीच नए संगठन की घोषणा हो गई. यह घोषणा भी पर्दे के पीछे रहकर कराइ गई है. क्योंकि जिन लोगों को पदाधिकारी बनाया गया है वह लोग संजीव सिंह के बेहद करीबी लोग है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो