Ranchi- हाईकोर्ट के नये भवन का उद्घाटन करने झारखंड पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सामाजिक रुप से वंचित पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय को पिछड़ेपन की मानसिकता से दूर रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि समस्या हर समाज में है, इसके समाधान के लिए जरुरी है कि अपनी समस्याओं से सरकार को अवगत करवाया जाए.
सिर्फ और सिर्फ पिछड़ापन का रोना समस्याओं का समाधान नहीं
हाईकोर्ट भवन के उद्घाटन समारोह के बाद राज्यपाल भवन में झारखंड के आठ आदिम जनजाति समूह के 48 लोगों से सीधा संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हर बार पिछड़ेपन का रोना समस्यायों का समाधान नहीं है. जरुरत है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और उसके प्रतिनिधियों से सम्पर्क साधा जाय, अपने इलाके के विधायकों से मिला जाय. और जरुरत पड़े तो मुख्यमंत्री से भी मिलने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाय. सिर्फ और सिर्फ पिछड़ापन का रोना समस्याओं का समाधान नहीं है.
आदिम जनजाति के बीच घिरी बेहद भावुक नजर आयीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू
आदिम जनजाति से संवाद के दौरान इस समुदाय के प्रति उनका लगाव साफ-साफ दिखा, वह बेहद भावूक भी नजर आयी, जैसे वह अपने परिवार के बीच खड़ी हों, एक पल ऐसा भी आया जब वह मुर्मू अपने हाथों में माइक थाम खुद ही ऊनके पास चली गयीं. राष्ट्रपति की इस पहल पर मौके पर मौजूद सीएम हेमंत सोरेन और राज्यपाल भी आश्चर्य में पड़ गयें.
सीएम हेमंत को तुरंत इनकी सभी समस्याओं का समाधान का निर्देश
इन लोगों से संवाद खत्म होते ही राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मौके पर मौजूद सीएम हेमंत को इनकी सारी समस्यायों का शीध्र निष्पादन का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल, स्कूल जिसकी भी जरुरत है, उसके समाधान की दिशा में तुरंत पहल की जाय.
दरअसल मुलाकात के दौरान पहाड़िया और असूर जनजाति के लोगों ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से विस्तार पूर्वक अपनी समस्याओं को रखा था. उन्होंने कहा था कि वे लोग पहाड़ों पर निवास करते हैं. उनके इलाके में कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामाना करना पड़ता है.
एक एक कर सभी से महामहिम ने जाना उनका हाल
इसी बातचीत के बीच राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उनसे एक एक कर उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर रही थी, उन्होंने बेहद ही आत्मिक अंदाज में पूछा कि किन किन के पास नजदीक में विद्यालय है, किन किन को राशन मिल रहा है, किन किन के पास पेयजल की सुविधा है. इसी बीच महामहिम ने उन्हे बचपन में शादी करने से दूर रहने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कम उम्र में शादी आदिवासी समुदाय की एक बड़ी समस्या है, आदिवासी समुदाय को इस कुप्रथा को दूर करना होगा.