☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

जब भक्ती के आगे झुके जगन्नाथ, स्वंय की थी भक्त की सेवा, जानें हर साल बीमार पड़ने का रहस्य

जब भक्ती के आगे झुके जगन्नाथ, स्वंय की थी भक्त की सेवा, जानें हर साल बीमार पड़ने का रहस्य

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): साल 2023 में 19 जून से 2 जुलाई तक जगन्नाथ मेला लगने वाला है. आज मंगलवार को जगन्नाथ भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी बाड़ी जाते हैं. और वहां पर विश्राम करते हैं. वहीं इस मौके पर रांची के धुर्वा में लगभग चार एकड़ में मेला का आयोजन किया गया है. और ये तो सामान्य बात है कि हर साल की तरह इस बार भी जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी. लेकिन आज हम आपको भगवान जगन्नाथ से जुड़ी एक ऐसी रोचक कथा के बारे में बताएंगे. जिसको सुनकर आपको भगवान के प्रति आस्था और बढ़ जाएगी.

आखिर क्यों हर साल बीमार पड़ते हैं भगवान

ये बात सबको पता है कि पुरी में जगन्नाथ भगवान उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा 14 दिनों के लिए बीमार होते हैं. जिसके पीछे प्राचीन परंपरा बताई जाती है. 14 दिन तक भगवान आराम करते हैं. और मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी जाती है. पुजारी और वैद्य को ही शाम सुबह भगवान तक पहुंचने की इजाजत होती है. यह हर साल होता है. और फिर आषाढ़ शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को भगवान रथयात्रा पर भ्रमण के लिए निकलते हैं.

भक्ति के आगे मजबूर भगवान ने की थी स्वंय सेवा

लेकिन भगवान के 14 दिन बीमार होने के पीछे एक और धार्मिक कथा प्रचलित है. सभी को पता है कि भगवान कभी भी अपने भक्त को कष्ट में नहीं देखना चाहते हैं. जगन्नाथ भगवान इतने कृपालु और दयालु है कि वो समय-समय पर भक्ति भाव के आगे झुककर भक्तों के दरवाजे पर स्वंय मिलने पहुंच जाते हैं. इसी से जुड़ा एक कथा हम आपको बताने जा रहे हैं.

पुरी के इस भक्त के सेवक बने थे जगन्नाथ भगवान

ज्येष्ट मास की पूर्णिमा पर देव स्नान करने के बाद से भगवान बीमार हो जाते हैं. लेकिन पुरानी कथा के अनुसार इसका दूसरा पहलू भी है. उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के माधव दास नाम के एक परम भक्त थे. वो रोज पूरी भक्ति भाव के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा आराधना करते थे. लेकिन एक बार की बात है, माधव दास को अतिसार हो गया है, अतिसार का मतलब उल्टी और दस्त का रोग हो गया. वो इतने कमजोर हो गए कि उनका चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया. लेकिन फिर भी वे उसे शरीर से ही भगवान की सेवा करते रहे.

जब भगवान ने हर ली थी पीड़ा

एक दिन जब उनकी बीमारी गंभीर हो गई, तो उठने बैठने में भी असमर्थ हो गए. तब जगन्नाथ भगवान स्वयं सेवक बनकर माधव दास के घर गए. और माधव दास की सेवा करने लगे. जब भक्त को होश आया तो उन्होंने देखा कि स्वंय प्रभु उनकी सेवा कर रह हैं. तब उन्होंने कहा कि प्रभु आप तो सभी लोकों के स्वामी हैं. आप मेरी सेवा क्यों कर रहे हैं.

आप चाहते हो कि मैं नर्क में जाऊं. यदि आप चाहोगे तो मेरे कष्ट को हर सकते हैं. तब भगवान जगन्नाथ ने कहा कि यह तुम्हारे प्रबद्ध में है. जो मैं नहीं ले सकता. वो हर प्राणी को भोगना पड़ता है. लेकिन 15 दिन का रोग तुम्हारा और बचा है. जिसे मैं स्वयं ले रहा हूं. यही वजह है कि आज भी हर साल भगवान बीमार होते हैं.

Published at:20 Jun 2023 01:04 PM (IST)
Tags:Jagannath devotionhimself served the devotee know the secret of falling ill every yearranchipuri odishajagarnath mandirbhagwan jagarnathbalbhadrasubhadrabhaktrath yatrarath mel ranchi dhurwa
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.