धनबाद(DHANBAD): अभी झारखंड में आईएएस अधिकारी छवि रंजन की खूब चर्चा हो रही है. पूजा सिंघल, वीरेंद्र राम के बाद सबसे अधिक जो अधिकारी चर्चित हुए , उनमें छवि रंजन भी शामिल है. झारखंड में उंगली पर गिनने वाले दागी अधिकारियों की करतूत के कारण पूरा महकमा आज डेमोरलाइज महसूस कर रहा है. छवि रंजन की कहानी भी थोड़ी अजीब है. हमेशा उनका विवादों से चोली -दामन का संबंध रहा है. धनबाद के नगर निगम में भी वह नगर आयुक्त कई महीनों तक थे. जब धनबाद में नगर आयुक्त थे, उसी समय कोडरमा में पेड़ कटाई का मामला सामने आया था और उनके खिलाफ f.i.r. हुई थी. डीसी के तौर पर कोडरमा में पहली पोस्टिंग में ही वह पेड़ काटने को लेकर विवाद में फंस गए थे. उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफ आई आर दर्ज की गई थी. बाद में एसीबी ने पीसी एक्ट को छोड़कर अन्य धाराओं में चार्जशीट दायर की थी.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी है छवि रंजन
छवि रंजन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी है. 4 का अंक भी उनके लिए दुर्भाग्य लेकर सामने आता है. 4 नवंबर 22 को जमीन खरीद मामले में पहली बार छापेमारी हुई थी और उनका नाम सामने आया था. 4 मई 2023 को ही उनकी गिरफ्तारी हुई. 14 नवंबर 22 को ईडी ने सेना की जमीन और चेशायर होम रोड में जमीन खरीद के मामले में पहली बार रांची के सब रजिस्टार घासीराम पिंगुवा , वैभव मणि त्रिपाठी के अलावा कई सीओ , कारोबारी विष्णु अग्रवाल के ठिकाने पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद पिंगुवा ने अपने बयान में सबसे पहले छवि रंजन का नाम लिया था. ईडी के समक्ष स्वीकार किया था कि डीसी छवि रंजन के कहने पर ही उसने सेना जमीन की रजिस्ट्री की थी. रजिस्ट्री डीड में भी इस संबंध में कुछ लिख दिया था. इसके बाद छवि रंजन सीधे ईडी के रडार पर आ गए. रांची के डीसी बने तो वहां भी विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ा. बजरा में 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी के लिए 150 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती पर सवाल उठाए गए थे. इस मामले में तत्कालीन कमिश्नर ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी.
पुलिस बल तैनात कर किया जाने लगा था जमीन की घेराबंदी
उसमें रांची के कई जगहों पर जमीन की पुलिस बलों की तैनाती कर घेराबंदी और कब्जे की शिकायतें आम हो गई थी. लेकिन बाद में बरियातू में सेना की जमीन का फर्जीवाड़ा कर होल्डिंग का केस थाने में दर्ज हुआ. इसी दौरान चेशायर होम रोड की जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर हड़पने के मामले में भी सदर थाने में अदालत के आदेश पर केस दर्ज हुआ. छापेमारी के बाद से ही छवि रंजन प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर आ गए थे. पहली बार 24 अप्रैल को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया था. दूसरी बार गुरुवार को ईडी ऑफिस पहुंचे थे. सुबह 10:45 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे, रात लगभग 10 बजे उनको गिरफ्तार कर लिया गया. पता चला है कि गुरुवार को ईडी ने फर्जीवाड़े से जुड़े कागजात दिखाकर छवि रंजन से पूछताछ शुरू की लेकिन अधिकांश सवालों के जवाब में वह चुप रहे. इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो