रांची(RANCHI): सीट बटवारे को लेकर इंडी गठबंधन में घमासान मचा हुआ है. राजद कम सीट मिलने से नाराज हो कर अब अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में अगर गठबंधन में टूट होती है तो इसका असर विधानसभा चुनाव में दिख सकता है. गठबंधन बचाने को लेकर कई राउन्ड की बैठक भी हुई. लेकिन इस बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. अब राजद अपनी तैयारी में लग गया है. अकेले कैसे चुनावी अखाड़े में उतरना है. इसका फैसला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को करना है.
दरअसल गठबंधन में दरार उस समय आई जब झारखंड में सीट बटवारे को लेकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद को आमंत्रित नहीं किया गया. जबकि राजद के बड़े नेता तीन दिनों से रांची में जमे है. कांग्रेस और झामुमो ने आपस में 70 सीट पर सहमति बना लिया. बाकी बची राजद और माले को 7-4 के फार्मूला पर चुनाव लड़ने को कहा. लेकिन राजद इस फैसले को सुनते ही आग बबूला हो गई. खुद राजद के केन्द्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने मीडिया के सामने कहा कि अपमानित कर गठबंधन नहीं हो सकता है. हमारे पास सभी विक्लप खुले हुए है. अकेले भी चुनाव लड़ने की हिम्मत रखते है.
अब इस बयान से सियासी पारा और भी बढ़ गया. अब गठबंधन बचाने की मुहिम शुरू हुई. और इसके बाद राजद के नेताओं के साथ देर रात हेमंत सोरेन ने बैठक की. इस बैठक में कोई निर्णय नहीं निकल सका. आखिर में नाराज नेता वापस मुख्यमंत्री आवास से निकल गए. अब अलग रणनीति बना रहे है. राजद का दावा है कि 15 से 18 सीट पर संगठन मजबूत है. कई ऐसी सीट है जहां पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर थे. फिर समझौता क्यों करेंगे. किसी दबाव में गठबंधन नहीं स्वीकार है.
अब अगर देखे तो गठबंधन में दरार आई है. जो कई सीट पर झामुमो-कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकते है. पलामू-चतरा और गोड्डा में कई ऐसी सीट है. जहां राजद का जनाधार है. अगर अलग से चुनावी अखाड़े में उतरते है तो इससे साफ है कि वोट बिखरेगा. जिसका फायदा भाजपा को होगा. अब देखना होगा कि आखिर अंतिम निर्णय क्या होने वाला है. और चुनाव में क्या समीकरण बनेगा.