रांची(RANCHI): हेमंत सरकार ने झारखंडियों की भावना की कद्र करने का एक प्रयास किया है. इसे लागू करने के लिए तो सरकार के द्वारा कैबिनेट के माध्यम से संकल्प पारित किया जा सकता है. लेकिन सरकार चाहती है कि इस कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. नवीं अनुसूची में शामिल विषयों को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है और न्यायिक पुनरीक्षण की अधिकारिता से यह बाहर है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस जज्बाती मुद्दे को केंद्र सरकार के पास ले जाने की राह तैयार की है. जल्द ही इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और अन्य घटक दल के सांसद और विधायक प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह दांव भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए धर्म संकट का विषय है. वैसे भाजपा ने भी भारी और सशंकित मन से ही सही विधेयक को समर्थन दिया है. सरना धर्म कोड का मामला पहले से ही विधानसभा से पारित किया गया है. भारत सरकार ने अभी कुछ नहीं किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सत्ता पक्ष के सभी प्रतिनिधि देश के प्रधानमंत्री और अन्य संबंधित लोगों से भी समर्थन लेंगे.
1932 आधारित स्थानीयता विधेयक पारित कर सीएम हेमंत ने गेंद डाला केंद्र सरकार के पाले में, जल्द ही सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मांग सकते हैं समय
Published at:11 Nov 2022 04:32 PM (IST)