टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-शेयर बाजार का तो हाल पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से कुछ खास नहीं है. उतार-चढ़ाव बाजार में देखने को मिल रहें है. दूसरे शब्दों में कहे तो कुछ खास रिटर्न तो नहीं मिला है . लेकिन, क्या मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने पर हमारा शेयर बाजार रिटर्न दिया है. यह सवाल कईयों के मन में होगा. अगर इन 9 सालों का आकलन करें तो हम पायेंगे, कि शेयर बाजार ने खूब रिटर्न दिया और निवेशकों को मालामाल बनाया है. इस दौरान कोरोना जैसी महामारी से दुनिया हिल गई, वर्तमान में रुस-यूक्रेन की जंग से दुनिया के बाजार डरे हुए हैं, अमेरिका के बैंक डूब रहें है. यानि मुश्किल खत्म नहीं हुआ . इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार में पिछले 9 साल में निवेशकों को मालामाल बनाया है. उनके पैसे पर दमदार रिटर्न मिला है.2014 के बाद से बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी ने करीब 150 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि इस अवधि में बीएसई पर लिस्टिड कंपनियों का मार्केट कैप तीन गुना बढ़कर 195 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
जब मोदी बनें थे प्रधानमंत्री
26 मई, 2014 को नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर सेंसेक्स 24,716.88 और निफ्टी 7,359.05 के स्तर पर था। वहीं, आज सेंसेक्स 62,000 के पास है, जबकि 50 शेयर्स वाला निफ्टी 18,500 के आसपास बना हुआ है। 26 मई, 2014 को बीएसई की लिस्टिड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 85,20,816.63 करोड़ रुपये था, जो कि 25 मई, 2023 को 2,80,33,373.63 करोड़ रुपये था।
सभी सेक्टर में बना पैसा
केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद से सभी सेक्टरों ने बेहतरीन रिटर्न दिया है। निफ्टी आईटी 219 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 213 प्रतिशत, निफ्टी निजी बैंक 196 प्रतिशत, निफ्टी बैंक 188 प्रतिशत, निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 180 प्रतिशत बढ़ चुका है.निफ्टी एनर्जी इंडेक्स ने 140 प्रतिशत, निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने 116 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 94 प्रतिशत, निफ्टी मेटल 86 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा ने 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
कैसी रही अर्थव्यवस्था ?
पिछले 9 साल में मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर काफी सारे नीतिगत बदलाव किए हैं. मौजूदा वक्त में भारतीय अर्थव्यवस्था 6-7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है . भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। फिलहाल , वह पांचवें पोजिशन पर है . भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को देखते हुए दुनिया के सभी बड़े वित्तीय संस्थानों तारीफ करते हैं. उनका मनाना है कि आने वाले कुछ सालों जर्मनी और जापान को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.