रांची(RANCHI ): झारखंड में 4000 से ज्यादा परिवारों को गरीबी की अत्यंत खराब स्थिति से बाहर निकाला गया है. यह दावा एक कार्यक्रम में किया गया जिसे राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने संबोधित किया. इस कार्यक्रम को अल्ट्रा पुअर ग्रेजुएशन अप्रोच इन झारखंड के नाम से जाना जा रहा है.
अत्यंत गरीबी रेखा से किस प्रकार निकालने का प्रयास हो रहा है
भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं से तालमेल बैठाकर बेंगलुरु की एक संस्था अत्यंत गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है. दी नज फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक सम्मान समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ऐसे कार्यक्रम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में बहुत सारे ऐसे स्थान है जहां पर योजनाओं का लाभ सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है.ऐसे में गैर सरकारी संगठन के माध्यम से यह काम अच्छी तरह से हो रहा है. उल्लेखनीय है कि दी नज फाउंडेशन 2018 से यह काम करता रहा है. इस संस्था के लोगों ने बताया कि अत्यंत गरीब महिलाओं को इसका लाभ दिया जाता है. इसके तहत अल्ट्रा पुअर ग्रेजुएशन अप्रोच इन झारखंड कार्यक्रम चलाकर 3 वर्षों के अंदर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सहयोग किया जाता है.
आज के कार्यक्रम में कितने लोगों को सम्मानित किया गया
आज के कार्यक्रम में 300 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने पिछले 3 साल से इस संस्था से जुड़कर योजनाओं का लाभ दिया है. आज उनकी स्थिति पहले की तुलना में बहुत अच्छी है. मुख्य रूप से बकरी पालन के माध्यम से गरीब महिलाओं ने अच्छी कमाई की है.पूजा मुर्मू नामक एक महिला ने कहा कि पहले वह रेजा मजदूरी का काम करती थी लेकिन अब बकरी पालन के माध्यम से उसे लगभग 15000 रुपए की आमदनी हो जाती है. संस्था के ऑपरेशनल हेड ने कहा कि झारखंड में 2018 में यह कार्यक्रम शुरू हुआ था. फिलहाल देश के छह राज्यों में योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. झारखंड में गरीब आदिवासी महिलाओं को ही अधिकांश लाभ मिल रहा है.