रांची(RANCHI ):- सामान्य रूप से वित्तीय वर्ष का मार्च महीना बड़े सरकारी लेनदेन के लिए जाना जाता है.इस महीने में अधिक से अधिक राशि निकालने का प्रयास होता है. महीने के अंतिम दिन तो कोषागारों में पैसे निकासी करने वालों की भीड़ लगी रहती है. मार्च लूट जैसे शब्द इसके लिए प्रयोग किए जाते रहे हैं. पिछले 10 साल में इस तरह की प्रवृत्ति पर थोड़ी रोक लगी है . पर मार्च महीने में सरकार के खजाने से बड़ी मात्रा में पैसे की निकासी होती है. इसको लेकर वित्त विभाग एक बार फिर सजग हो गया है.
वित्त विभाग ने सभी विभागों को क्या दिया है निर्देश
झारखंड सरकार का वित्त विभाग मार्च लूट को रोकने का प्रयास शुरू कर दिया है साफ तौर पर कहा गया है कि मार्च के महीने में 15% से अधिक राशि की निकासी नहीं की जा सकती है. वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागों के प्रमुख, प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त, कोषागार पदाधिकारी को पत्र लिखकर इसके बारे में आवश्यक निर्देश दिया है.
जानिए क्या दिया गया है खड़ा निर्देश
विभागों को जो निर्देश दिया गया है उसमें कतिपय छूट भी दिए गए हैं पत्र के अनुसार केंद्रीय योजना के तहत आवंटन के विरुद्ध पूरी राशि निकाली जा सकती है इसके अलावा केंद्र प्राइवेट योजनाओं के केंद्रक के रूप में प्राप्त संपूर्ण राशि और समानुपातिक राज्यांश की राशि को भी निकाला जा सकेगा.इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया है कि तृतीय अनुपूरक बजट में प्रचलित राशि के विरुद्ध निर्गत आवंटन की पूरी राशि भी निकली जा सकती है. इसमें यह शर्त है कि किए गए कार्यों के लिए यह बिल होना चाहिए. यह भी निर्देश दिया गया है कि पल खाते से भी 15% की सीमा तक ही राशि की निकासी की जा सकती है.स्थापना व्यय मद के अंतर्गत पूरी राशि निकली जा सकती है.
वित्त विभाग के पत्र में कहा गया है कि अगर 15% की निर्धारित सीमा से अधिक की राशि का विपत्र निर्गत किया जाना है तो इसके लिए संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव पूरी तहकीकात के बाद आदेश निर्गत कर सकते हैं. पूरी तरह से मार्च महीने में सामान्य विपत्र के लिए 15% की अधिकतम सीमा निर्धारित है लेकिन इससे अधिक की राशि निकालने के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव ही जिम्मेवारी से आदेश निर्गत करेंगे.