धनबाद(DHANBAD):धनबाद के केंदुआडीह गैस रिसाव से प्रभावित बस्ती के लोगों ने विस्थापन को लेकर बीसीसीएल के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है.प्रभावित ग्रामीणों ने सोमवार एक प्रेस वार्ता आयोजित कर एक स्वर में ऐलान किया कि 'मर जाएंगे, लेकिन अपनी यह जमीन छोड़कर बेलगड़िया या करमाटांड नहीं जाएंगे.केंदुआडीह बस्ती के लोगों ने अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी की विरासत का हवाला देते हुए विस्थापन का कड़ा विरोध किया है.
लोगों ने ठुकराया विस्थापन की पेशकश
निवासियों का कहना है कि गैस रिसाव की घटना के बाद बीसीसीएल प्रबंधन उन्हें बेलगड़िया या करमाटांड में शिफ्ट होने के लिए कह रही है, लेकिन यह उनके जीवन-यापन के लिए संभव नहीं है. ग्रामीणों ने एकमत से कहा हम वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी इसी केंदुआडीह बस्ती में रहते आए है. हमें विस्थापित करने के बजाय बीसीसीएल प्रबंधन को गैस निकालने की दिशा में प्रयास तेज करना चाहिए.
केंदुआडीह छोड़कर दूसरी जगह जीवन यापन करना उनके लिए मुमकिन नहीं
लोगों ने अपनी चिंताओं को सामने रखते हुए बताया कि बेलगड़िया या करमाटांड में न तो उन्हें रोजगार मिलेगा और न ही किसी तरह की अन्य सुविधाएं. ऐसे में केंदुआडीह छोड़कर दूसरी जगह जीवन यापन करना उनके लिए मुमकिन नहीं होगा.मो. शाजिद ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा सारा काम-काज, हमारी रोजी-रोटी इसी इलाके से जुड़ी है.दूसरी जगह जाकर हम क्या करेंगे. बीसीसीएल हमारी समस्या सुलझाए, विस्थापन समाधान नहीं है.गैस रिसाव की घटना को छह दिन से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
मरते दम तक केंदुआडीह नहीं छोड़ेंगे
ग्रामीणों ने बताया कि वे पूर्व से ही भूमिगत खदान का पंखा चालू करने और ड्रिलिंग करके गैस निकालने जैसी मांगों को बीसीसीएल प्रबंधन के सामने रखते आए है, लेकिन प्रबंधन इन मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा है और केवल विस्थापन की बात पर अटका हुआ है. लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे मरते दम तक केंदुआडीह नहीं छोड़ेंगे.दौरान आक्रोशित स्थानीय लोगों ने विरोध जताते हुए प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.केंदुआडीह बस्ती के लोगों ने बीसीसीएल प्रबंधन को अपनी मांगों पर पुनर्विचार करने और जल्द से जल्द गैस रिसाव की समस्या का तकनीकी समाधान निकालने की चेतावनी दी है.
रिपोर्ट-नीरज कुमार
.jpg)