धनबाद (DHANBAD) : जाड़े में भी पानी संकट. जी हां, झरिया के लोग इस भीषण ठंड में भी जल संकट झेल रहे हैं. पिछले 2 महीनों से जलापूर्ति सामान्य ढंग से नहीं हो रही है. कोलियरी इलाका होने के कारण पानी के कोई दूसरे साधन नहीं होने से लोग अन्य काम तो पीट वाटर से चला रहे हैं, लेकिन पीने के पानी के लिए या तो दूरदराज इलाके को जाते हैं या फिर खरीद कर पानी पीते हैं. झरिया की यह समस्या बहुत पुरानी है. लेकिन इस समस्या को खत्म करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए जाते.
तीन-चार दिनों से जलापूर्ति ठप
अभी कहा जा रहा है कि दामोदर नद में सेवाल घास आने के कारण पानी का स्टोरेज नहीं हो पा रहा है. लेकिन इसके बचाव के उपाय भी तो झारखंड माइनिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी को ही करना है. क्योंकि यही विभाग झरिया इलाके में जामाडोबा जल संयंत्र से जलापूर्ति करता है. झरिया, फूस बंगला, जोरापोखर, जेलगोडा आदि इलाकों में पिछले तीन-चार दिनों से जलापूर्ति ठप है. विभाग का कहना है कि ठंडी के मौसम में दामोदर नद में सेवाल घास और जलकुंभी आने के कारण जल भंडारण का काम प्रभावित हो जाता है.
प्रेशर कम होने से नहीं मिल पाता बहू मंजिलें में पानी
इधर, हालत यह है कि आंशिक आपूर्ति के कारण शहर के ऊपरी हिस्से और बहू मंजिलें मकानों में रहने वालों को पानी नहीं मिल पाता. पानी का प्रेशर बहुत कम रहता है. इतना ही नहीं अधिकांश मोहल्ले के लोग नल में मोटर पंप लगा देते हैं ,जिसे पूरे इलाके में सप्लाई नहीं हो पाती है. झरिया क्षेत्र में 15 से 20 रूपए में 20 लीटर पानी का जार मिल रहा है. जबकि 500 लीटर पानी के लिए 350 रूपए का भुगतान लोगों को करना पड़ता है. लोग सोच सोच कर परेशान है कि जाड़े में यह हाल है तो गर्मी के मौसम में क्या होगा. इधर, झरिया बाजार में पानी का कारोबार बढ़ गया है. लोगों की पॉकेट ढीली हो रही है. घर का बजट बिगड़ रहा है. दूसरे मद में खर्च के लिए जो पैसे लोग रखते हैं उसे पानी की खरीद में लगाना पड़ रहा है. झरिया और आसपास इलाके में रहने वाले लोग लगातार इसकी शिकायत कर रहे हैं लेकिन उन्हें इस परेशानी से छुटकारा नहीं मिल रहा है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद