जमशेदपुर(JAMSHEDPUR):जमशेदपुर से 40 किलोमीटर दूर पटमदा के सबर टोला इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए विवश दिखाई दे रहे है, इस सबर टोला का यह हाल है कि यंहां जलमीनार और चापाकल लगे हुए है, मगर एक वर्ष से जलमीनार और चापाकल सभी खराब पड़े हुए है. आलम यह है कि सबर परिवार बूंद-बूंद पानी के लिए एक किलोमीटर दूर जा कर पानी लाने को विवश है, इतना ही नहीं सभी सबर परिवार जिस तालाब से पानी पीते है, उस तालाब का पानी काफी गंदा है, जिस करण सभी सबर परिवार पहले तालाब से पानी लेकर उस पानी को छान कर किसी तरह पीते है. इस दृश्य को देख कर यह साफ जाहिर होता है कि इस विलुप्त होती जनजाति का सुध लेने वाला कोई नहीं है,
क्या कहते है टोला वाले
विमल बैठा का कहना है कि सबर जनजाति का इस टोला को कोई देखने वाला नहीं है. क्षेत्र में लगे जलमीनार और चापकल के खराब होने के कारण सभी सबर परिवार गड्ढ़े का गंदा पानी पीने के लिए विवश है. उन्होंने कहा कि जल्द पानी की समस्या दूर नहीं हुई तो बीजेपी इसको लेकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी.
जल्द होगा पानी का समाधान
वंहीं क्षेत्र के बीडीओ से जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सबर टोला का पानी की समस्या का समाधान जल्द होगा. एक जलमिनार को चुनाव से पहले ठीक करवाया गया था, मगर वह खराब हो गया है, जिसे जल्द ठीक करवा लिया जाएगा, उन्होंने ने कहा कि सबर टोला में पानी की समस्या का समाधान जल्द होगा
सबर जाति हो रही विलुप्त
झारखंड में सबर जाति विलुप्त होती जा रही है. कई सरकारी योजनाएं है मगर उन योजनाओं को सही से धरातल पर नहीं उतरने से इन जातियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना यह है कि इन विलुप्त होती जनजाति की पानी की समस्या कब तक दूर होती है. यह आने वाला समय ही बताएगा.
रिपोर्ट-रंजीत कुमार ओझा