रांची(RANCHI): झारखंड सरकार के मिड डे मिल और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी के खिलाफ ईडी ने गिरफ्तारी वारंट प्राप्त कर लिया है. बता दें कि संजय तिवारी के द्वारा मिड डे मिल के खाते से 100 करोड़ रुपए के फर्जी निकासी की गई थी. जिसमें फैसला सुनाते हुए ईडी की विशेष अदालत की टीम ने आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है.
ईडी द्वारा आवेदन देकर कोर्ट से गिरफ्तारी की मांग
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद संजय तिवारी द्वारा गबन की राशि को बैंक में जमा नहीं किया गया और न ही निर्धारित अवधि के भीतर अदालत में सरेंडर किया था. जिसके बाद ईडी की टीम ने अदालत में आवेदन देकर आरोपी के खिलाफ गिरफ्तरी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था. जिसमें फैसला सुनाते हुए ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत ने ईडी के आवेदन को स्वीकार करते हुए आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है. फैसला आने के बाद अब ईडी की टीम द्वारा संजय तिवारी को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
पूरा मामला
दरअसल, ईडी की जांच में पता चला कि रांची स्थित हटिया के एसबीआई शाखा से झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते से भानु कंस्ट्रक्शन को 101.01 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इसका खुलासा तब हुआ जब 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने बैकों को निर्देश दिया कि जिलों में मध्याह्न भोजन की राशि की जांच की जाए. जांच में ये बात का खुलासा हुआ था कि 16 अगस्त 2017 को भी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय तिवारी ने अपनी कंपनी में काम करने वाले राजू वर्मा के खाते में 8 करोड़ 27 लाख ट्रांसफर किए हैं. इसके साथ ही भानू कंस्ट्रक्शन के 34 खातों में अवैध तरीके से स्थानांतरित कर दिये गये थे. जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ. इसे लेकर पहले धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. बाद में मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ ले लिया. वर्ष 2021 में ईडी ने कांड संख्या ECIR 3/2021 दर्ज कर केस टेकअप किया है.
