देवघर (DEOGHAR) : प्रशासन और सत्तारूढ़ पार्टी के लिए लखराज प्रकृति की जमीन का हस्तांतरण और निबंधन गले की हड्डी बन गई है. देवघर के वीआईपी चौक के समीप पिछले 15 मार्च से आयोजित आमरण अनशन को स्थानीय संघ सहित लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. दरअसल लखराज प्रकृति की जमीन का हस्तांतरण और निबंधन हो इसके लिए तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा 1मार्च से लगातार आंदोलन जारी है. वहीं अगर तीर्थ पुरोहित समाज की मांग आज नहीं मानी गई तो रविवार को देवघर बंद का आह्वान की बात कही गई.
14 दिनों का दिया गया समय
इसी माह की 1 तारीख को जिला प्रशासन की उदासीनता के विरोध में एक दिवसीय भूख हड़ताल की गई थी. इस दौरान अविलंब देवघर में लखराज प्रकृति की जमीन की खरीद बिक्री और रजिस्ट्री शुरू हो इसके लिए 14 दिनों का समय पुरोहित समाज द्वारा प्रशासन को दिया गया था. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई पहल नही होने से नाराज़ तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा 15 मार्च से आमरण अनशन दिया जा रहा है.
मांग को लेकर अडिग
पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित लगातार आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. अनशनकारियों को स्थानीय, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्था ,कई संघ सहित स्थानीय लोगों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है. जहां एक ओर समर्थन मिल रहा है तो वही दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी के नेता, कार्यकर्ता द्वारा अनशनकारियों को समझाने का लगातार कोशिश की जा रही है. लेकिन पंडा धर्म रक्षिणी के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर सहित पुरोहित समाज के लोग अपनी मांग को लेकर अड़िग है. कार्तिक नाथ ने बताया कि द्वारा लाख कोशिश के बाबजूद प्रशासन जब अनशन नही समाप्त करवा सकी तो उनके घर पर मेरी तबियत काफी खराब होने का नोटिस भेजकर परिवार वालो से इमोशनली समाप्त करवाने की कोशिश कर रही है. कार्तिक नाथ ठाकुर ने बताया कि जिला प्रशासन जब तक लखराज प्रकृति की जमीन का हस्तांतरण और निबंधन शुरू नहीं करेगी तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.चाहे इसको लेकर उनकी जान ही क्यों न चली जाए.
स्थानीय विधायक नारायण दास ने भी पुरोहित समाज की मांग का किया समर्थन
लखराज जमीन की समस्या को लेकर स्थानीय विधायक नारायण दास ने भी विधानसभा से लेकर सीएम तक पुरोहित समाज की मांग का समर्थन किया है. अनशन पर बैठे कुछ लोगों की तबियत भी खराब होने लगी है. देवघर बाबा मंदिर से सटे आसपास क्षेत्र की जमीन लखराज (बसौड़ी) प्रकृति की है. लेकिन इस जमीन की खरीद बिक्री और रजिस्ट्री नहीं होने के कारण तीर्थ पुरोहित समाज में नाराजगी है. लखराज प्रवृत्ति की जमीन को स्टेट के जमींदार अपने सिपाही,द्वारपाल,पुजारी इत्यादि को बंदोबस्त किया करते थे. जो लगान मुक्त होता था।जमींदारी उन्मूलन के बाद इस प्रकार की जमीन का मोटेशन अथवा रजिस्ट्री के लिए लगान आवश्यक होने लगा. लेकिन देवघर जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण न तो खरीद बिक्री हो पा रही है न ही रजिस्ट्री इसके अलावा इसका लगान रेट भी अभी तक तय नहीं किया गया है. इसी बात से नाराज़ तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा यह आमरण अनशन दिया जा रहा है. इस मामले को लेकर अब जिला प्रशासन की ओर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इसको लेकर सभी जगह यह मामला जिला प्रशासन के लिए साँप छुछुन्दर वाली कहावत की चर्चा हो रही है.