खूंटी(KHUNTI): खूंटी जिला के भगवान बिरसा मुंडा की धरती अड़की प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण विकास की बाट जोह रहे हैं. कभी नक्सलियों के भय से सरकारी योजनाएं सड़क,पुल,पुलिया,विधालय, अस्पताल का निर्माण नहीं हो पाता था. प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी और उग्रवादी संगठन पीएलएफआई सहित पत्थलगढ़ी समर्थकों के डर से निविदा प्रक्रिया में कोई भी ठिकेदार भाग नहीं लेता था और ना ही सरकारी योजनाएं धरातल पर उतर पाती थी. अब जब हालात बदले हैं लोग मुख्यधारा में जुड़कर विकास के साथ कदमताल करना चाहते हैं तो ऐसे में सरकारी पेंच फंसे दक्षिणी अड़की के ग्रामीण पिछले कई वर्षों से एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं.
पूरा मामला
ज्ञात हो कि अड़की प्रखंड के सेरेंगहातु से बंदगांव भाया अड़की, कोरवा,बीरबांकी,कुरूंगा, कोचांग,सड़क निर्माण किया जा रहा है पर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं हासिल हो पाने के कारण सड़क निर्माण बाधित है. इसको लेकर कुछ महीने पूर्व 21जुलाई को क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा हजारों की संख्या में खूंटी स्थित वन विभाग कार्यालय के समीप धरना पर बैठे थे. उपायुक्त शशि रंजन के आश्वाशन के बाद आखिरकार वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ और कंस्ट्रक्शन कंपनी एमएस द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया. लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी के अजय राय के अनुसार वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. जिसके कारण वन विभाग के क्षेत्र में सड़क निर्माण के कार्य को बंद करना पड़ा. इस बात को लेकर फिर एक बार आम ग्रामीण गोलबंद हो रहे हैं और इसी कड़ी में गुरुवार को कोरवा में ग्रामसभा की गई. जिसमें मदहातू,कोचांग, बीरबांकी के ग्रामीण पहुंचे. ग्राम सभा में चर्चा हुई कि हम बरसात के दिन में कीचड़ से और धूप के समय में धूल से परेशान हैं. ऐसे में अगर 15 से 20 दिन के बाद चुकलू और कोरवा घाटी नहीं बना तो खूंटी तमाड़ रोड जाम कर दी जाएगी. जिसका जिम्मेदार प्रशासन का ढुलमुल रवैया होगा.सड़क निर्माण आंदोलन को तेज करने के लिए हर पंचायत में ग्राम सभा करने बात कही गई.
रिपोर्ट: मुजफ्फर हुसैन, खूंटी