बोकारो(BOKARO): झारखंड के कई जिलों में लगातार हाथियों का तांडव जारी है. आये दिन ग्रामीण इलाकों में हाथियों का झुंड घुसकर भारी तबाही मचाता है. गरीबों के कच्चे घरों और किसानों के खेतों में लगे फसलों को नष्ट कर देते है. कभी-कभी ये गजराज जान तक के दुश्मन बन जाते हैं. हाथियों के आतंक से जुड़ा एक ऐसा ही मामला बोकारो जिले के पेटरबार थाना क्षेत्र के गागा गांव से आया है. जहां हाथी के झुंड से बिछड़े एक हाथी ने 60 वर्षीय वृद्ध बालेश्वर साव की शनिवार को कुचलकर जान ले ली.
बकरी चराने के दौरान हाथी ने किया हमला
आपको बताये कि बालेश्वर साव अपनी बकरियों को चराने पास के जंगल में गये थे. जंगल में बकरियां चराने के क्रम में अचानक एक हाथी ने उनपर हमला कर दिया. इस हमले में उसकी जान चली गई.
जंगल में पड़ा मिला शव
घटना की जानकारी देते हुए मृतक के पुत्र ने बताया कि शुक्रवार को उसके पिता बालेश्वर साव रोजाना की तरह बकरियां चराने गांव के पास जंगल में गए हुए थे. शाम के वक्त बकरियां तो घर वापस लौट आई. लेकिन उनके पिता वापस नहीं लौटे. जिसके बाद वो कुछ ग्रामीणों के साथ जंगल में पिता को ढूंढने गए. लेकिन उनका पता नहीं चलने पर सभी वापस लौट आए.
परिजन राहत कोष से मुआवजे की कर रहे मांग
शनिवार की सुबह उन्हें जानकारी मिली कि उनके पिता का शव जंगल मे पड़ा हुआ है. आनन फानन में सभी परिजन जंगल पहुंचे तो देखा कि मृत अवस्था में पिता का शव गिरा हुआ है. शव के आसपास हाथी के पैरों के निशान भी थे. पुत्र ने पिता के रूप में शव की पहचान करते हुए इस संबंध में आपदा राहत कोष के तहत सरकार से मुआवजे की मांग की है.
वन विभाग की और 25 हजार की तत्काल सहायता मिली
शव मिलने की सूचना मिलते ही पेटरबार बीडीओ, पेटरबार थाना प्रभारी सहित वन विभाग के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे. और मुआयना करने के बाद आपदा राहत कोष के तहत मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी.
रिपोर्ट: संजय कुमार