टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- वक्त के साथ नक्सलियों का उत्पात तो अहिस्ते-अहिस्ते थम रहा है. माओवादियों के मुखिया पकड़ाने के बाद तो उनका साम्राज्य में भी सिकुड़ने सा लगा है. लेकिन, नक्सली लगातार अपने ऊपर होते कार्रवाई और अभियान के चलते हड़बड़ाएं हुए हैं. इसी बौखालहट का नतीजा है कि माओवादी अब ग्रामीणों को निशाने पर ले रहे हैं. ताकि उनके दहशत की सल्तनत खत्म न हो.
कोल्हाण में सुरक्षाबलों का अभियान जारी
कोल्हाण में सुरक्षाबलों का अभियान लगातार माओवादियों के खिलाफ जारी है. इसके चलते समाज की मुख्यधारा से बिछड़कर बंदुक थामे ये लोग अब ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं. जान मारने और खौफनाक अंजाम की धमकी दे रहे हैं. इसका खुलासा सुरक्षाबलों की ओर से 23 नवंबर 2023 को संयुक्त रुप से चलाए अभियान के बाद हुआ. 12 दिसंबर को पुलिस ने इसे लेकर रिपोर्ट तैयार की थी. सुरक्षाबलों ने अभियान गोइलकेरा थाना क्षेत्र के भारीदीरी पहाड़ी इलाके में चलाया गया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान एक आईडी बम को नष्ट किया गया था. बाद में जब सुरक्षाबलों ने आसपास रहने वाले ग्रामीणों से इस संबंध में पूछताछ किया, तो कोई भी कुछ नक्सलियों के डर से बोलने को तैयार नहीं था.
डरते-सहमते ग्रामीणों ने बताया
काफी मश्शक्त और मान मनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने पुलिस की डायरी में नाम न आने की शर्त पर जुबान खोला. बताया ये गया कि हाथीबुरु और अंजदबेड़ा में पुलिस कैंप बनने और अभियान चलने से माओवादियों की गश्त तेजी से बढ़ी है. ग्रामीणों ने 12 नक्सलियों के नाम भी बताए और कुछ अहम जानकारियां भी साझा की. डर-डरकर बोलते हुए गांववालों ने बताया कि किसी भी तरह की सूचना पुलिस को देने पर हत्या की धमकी दी जाती है. नक्सलियों का मकसद सिर्फ सुरक्षाबलों को हमला कर मारना और हथियार लूटना है. ग्रामीणों को माओवादियों ने ही जंगल-पहाड़ और कच्चे रास्ते से चलने के लिए मना किया है.
पुलिस को नहीं मिल रहे गवाह
चाईबासा के टोटो और गोइलकेरा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों औऱ नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमे आईडी बरामदगी के साथ सामान भी बरामद हुए थे. इसे लेकर स्थानीय थाना में केस दर्ज किया गया था. लेकिन, पुलिस के सामने मुश्किल ये है कि नक्सलियों के डर से किसी भी केस में स्वतंत्र गवाह के तौर पर कोई ग्रामीण नहीं मिल रहा है.
नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहा अभियान
पिछले साल अक्टूबर 2022 से ही कोल्हाण और चाईबासा इलाके में सीआरपीएफ और एसटीएफ के साथ मिलकर पुलिस अभियान चला रही है. इस दौरान नवंबर 2023 तक 10 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. जबकि, 7 लोग घायल हुए थे. ये सभी मौते नक्सलियों के द्वारा किए गये आईडी विस्फोट से हुई थी.