दुमका (DUMKA) : दुमका जिला गोवंश पशु की तस्करी का तस्करों के लिए सेफ कॉरिडोर माना जाता है. समय-समय पर भाजपा इस मुद्दे पर मुखर होती है. सड़कों पर उतर कर गोवंश पशु की तस्करी पर रोक लगाने की मांग शासन और प्रशासन से की जाती है. लेकिन स्थिति यथावत बनी रहती है. इसी कड़ी में बुधवार की सुबह गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे को देवघर और हंसडीहा के बीच सैकड़ों पशु को पैदल ले जाने की सूचना मिली. सांसद ने मौके पर पहुंच कर पशु ले जा रहे लोगों से पूछताछ की और जब आश्वश्त हो गए कि पशु की तस्करी हो रही है तो खुद गायकों का रेस्क्यू कर लगभग 150 पशु को सरैयाहाट थाना के सुपुर्द कर दिया. साथ ही दो पशु तस्कर को भी पुलिस के हवाले कर दिया. सांसद निशिकांत दुबे के एक्शन में आने से एक बार फिर प्रसासनिक कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे है.
दिखावे की कार्रवाई करती है प्रशासन
पहले तो प्रशासन यह मानने के लिए तैयार ही नहीं होती कि दुमका के रास्ते गोवंश यह पशु की तस्करी होती है. दिखावे के लिए समय-समय पर पशु लोड कुछ वाहनों को पकड़ा भी जाता है. यह दिखाने के लिए कि प्रशासन गोवंशीय पशु की तस्करी को रोकने के लिए मुस्तैद है. लेकिन वह महज दिखावा ही होता है. वास्तविकता यही है कि बिहार से दुमका के रास्ते पश्चिम बंगाल होते हुए तस्करों द्वारा गोवंशीय पशु बांग्लादेश पहुंचाया जाता है. समय-समय पर उसके तरीके बदलते रहते हैं. कभी कंटेनर में भरकर तो कभी यात्री बस की सीट को खोलकर उसमें गोवंशीय पशु को लोड कर ले जाया जाता है तो कभी पैदल ही सीमा पार कराया जाता है. गोवंशीय पशु को पैदल ले जाना तस्करों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. भले ही इस तरीके में समय ज्यादा लगता हो लेकिन तस्कर इसके लिए भोले-भाले ग्रामीणों का सहयोग लेते हैं. पशुओं का छोटा-छोटा झुंड बनाकर स्थानीय लोगों को रुपए का लालच देकर उन्हें किसान बनाकर पशु को पैदल सीमा पार कराया जाता हैय लेकिन सांसद निशिकांत दुबे ने उस तरीके पर करारा प्रहार किया है. देवघर-हंसडीहा मार्ग आज चर्चा में भले आ गया हो लेकिन कमोबेश जिले के सभी मार्गों पर एक ही नजारा देखने को मिलता है. शहर के हृदयस्थली माने जाने वाले डीसी चौक पर भी यह नजारा आए दिन देखने को मिल जाता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सांसद निशिकांत दुबे के एक्शन में आने के बाद दुमका जिला प्रशासन के साथ-साथ दुमका के भाजपा कार्यकर्ता पशु तस्करी को रोकने के लिए क्या कदम उठती है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका