धनबाद(DHANBAD): देशभर से चुनिंदा बच्चे अच्छा संस्कार और प्रेरणा लेने के लिए गुजरात के " प्रेरणा "स्कूल भेजे जा रहे हैं. वही, कोयलांचल के बच्चों के हाथ में कुदाल और फावड़ा देकर कोयले का अवैध खनन कराया जा रहा है.
अवैध खनन के काम में नाबालिगों को भी लगाया जा रहा
गुरुवार को पूर्वी झरिया में अवैध खनन के दौरान हुए हादसे में यही बात उभर कर सामने आई है. 10 वर्षीय जितेंद्र यादव की मलबे में दबकर मौत हो गई और अमन नाम का नाबालिक घायल हो गया. इससे साफ हो ही गया है कि अवैध खनन के काम में नाबालिगों को भी लगाया जा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार की श्रम विभाग की एजेंसी कहां है, बच्चों के हित की बात करने वाली चाइल्ड वेलफेयर एजेंसियां कहां है, कोयलांचल में झक झक खादी चमकाने वाले नेता कहां है. इस घटना ने कई ऐसे सवाल खड़े किए हैं, जिसका जवाब बीसीसीएल, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, सीआईएसएफ को आज नहीं तो कल देना ही होगा. आखिर इन बच्चों के हाथों में कुदाल देने वाले लोग कब तक धन कमाने के लिए बच्चों की जिंदगी को गर्त में ढकेल ते रहेंगे. जिस तरह से इस घटना पर हाय तौबा मची है और सवाल दर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, इससे तो यह स्पष्ट है कि जांच एजेंसियों का पहुंचना अब शुरू हो जाएगा. फिर रिपोर्टिंग शुरू होगी. कार्रवाई होगी अथवा नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है. हो सकता है कि इस मामले में कई एजेंसियां खुद संज्ञान ले . मामला सीधे तौर पर बच्चों से जुड़ा हुआ है, एक बच्चा काल के गाल में समा गया है तो एक नाबालिग घायल हुआ है. घटनास्थल पर परिजनों ने चिल्ला चिल्ला कर आरोप लगाया कि 500 या ₹600 देकर बच्चों से कोयला कटवाया जाता है. परिजनों ने कोयला कटवाने वालों के नाम भी बता रहे थे. लाशों को कंधे पर ले जा रहे थे.
उठ रहे कई गंभीर सवाल
ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर कोयला माफिया के आगे कौन सी परिस्थिति पैदा हो गई है कि पूरी व्यवस्था बोनी दिखने लगी है. यह बात अलग है कि जिस जगह पर घटना घटी है, वहां पहले भी अवैध उत्खनन होता था. गुरुवार को भी हो रहा था. भरभरा कर चाल गिरने से हादसा हो गया और लोगों की जान चली गई. कई लोग घायल हो गए. यह घटना व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है. देखना होगा कि इस घटना से सबक लेकर आगे कोई बदलाव होता है अथवा बीसीसीएल का ड्रोन कागज पर ही उड़ता रहेगा. पुलिस कागज पर ही कार्रवाई करेगी, सीआईएसएफ सिर्फ दिखाने के लिए पेट्रोलिंग करेगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो