(Ranchi):-राजधानी रांची की सड़कों पर कई नामी-गिरामी स्कूल की अनफिट बसे बेधड़क और सरपट सड़कों पर स्कूली बच्चों को लेकर दौड़ लगा रही है. नियम-कायदे को ताक पर रखकर, मानकों को धत्ता बताकर, नौनिहालों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. इस अनदेखी और लापरवाही का खामियाजा कभी भी हो सकता है. क्योंकि हाल ही में जेवीएम स्कूल की चलती बस की इमरजेंसी गेट से पांचवीं का छात्र अचानक गिर गया था. इस घटना के बाद इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय दल का गठन किया गया है, जिसे दो दिन में रिपोर्ट जिला परिवहन कार्यालय को सौंपनी है. जांच टीम में एमवीआइ, जिला रोड सेफ्टी मैनेजर और रोड सेफ्टी मैनेजर और रोड सेफ्टी एनालिस्ट शामिल रहेंगे. इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने भी गंभीरता दिखाई है.
नियमों की हो रही अनदेखी
राजधानी रांची की सड़कों पर ऐसी स्कूल बसों को भी देखा गया, जो नियमों औऱ मानको को पूरा करने में कोताही बरत रही है. राजधानी की कुछ बसों में विंडो गार्ड नहीं है, बैक लाइट टूटी हुई है, रेडियम टेप गाड़ियों में नहीं लगाए गए हैं. कईयों का परमिट, इंश्योरेंस और फिटनेस तक फेल है, जिसे बिना अपडेट कराए दौड़ाए जा रहा है.
स्कूल बसों पर पीला रंग अनिवार्य
गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल बसों का रंग पीला होना चाहिए, लेकिन कई स्कूल बस ऐसे है जिनका रंग पीला नहीं बल्कि कुछ ओर ही है. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. और न ही स्कूल प्रबंधन और प्रशासन इसे रोकने की जहमत उठा रहें है. ऐसा देखा गया है कि सीट से अधिक बच्चों को बैठकर बसों में ले जाया जा रहा है. इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
जांच में पाई गई कई खांमिया
हाल ही में डीटीओ ने गंभीरता दिखाते हुए स्कूल बसों पर कार्रवाई की थी, जिसमे 79 बसों की जांच की गई थी. जिसमे 22 स्कूल बसों के कागजात फेल थे. इन बसों में ये भी खामिया देखी गई कि, न तो इनमे फर्स्ट एड बॉक्स था औऱ न ही ड्राइवर औऱ कंडक्टर यूनिफॉर्म में नजर आ रहे थे. कई बसों में तो रेडियम टेप, ड्राइवर का नाम और नंबर तक अंकित नहीं था. इतना ही नहीं हद तो तब हो गयी कि कई बसों में तो कंडोम पाए गए. जांच में ये भी बात सामने आई कि निजी स्कूल फीस सहित स्कूली बसों का किराया तो ले रहे हैं, लेकिन सुविधा पर इनका कोई ध्यान नहीं हैं.
स्कूली बसों में ये अनियमिताएं और अनदेखी किसी बड़े हादसे को आमंत्रण देती है. लिहाजा, इस पर जल्द से जल्द प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए,क्योंकि इससे जिंदगी का खतरा नौनिहालों को हो.