गढ़वा(GARHWA): झारखंड का गढ़वा जिला जहां योजनाओं में काम कम और भ्रष्टाचार के मामले ज्यादा होते है. जिसका जीता जागता उदाहरण गढ़वा जिले के धुरकी प्रखंड में देखने को मिल रहा है. योजना में भ्रष्टाचार के लिए किस तरह योजना बनती है, इसका भी उदाहरण अब गढ़वा में देखने को मिलेगा. एक वेंडर राज्य के एक अधिकारी एवं मनरेगा आयुक्त के पास आवेदन ग्रामीणों को दिलवाकर जिले मे इसे लूट की योजना बना डाली
क्या है पूरा मामला
दरसल जिले के धुरकी प्रखंड मनरेगा योजना को लेकर हमेशा विवादों के घेरा में रहा है. पिछली बार हमने इस प्रखंड की पोल खोली थी जिसमे कूप निर्माण हुआ नही और करोडो की राशि निकाल ली गई थी . उस समय के तत्कालीन डीसी ने भेंडर पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसे काली सूची मे डाल दिया था. लेकिन प्रशासनिक तंत्र ऐसा ढीला पड़ा की फिर उसे काम मिलना शुरू हो गया . अब नया घोटाला किया पेवर ब्लॉक मे सामने आया है . पहले इसी भेंडर ने राज्य के एक अधिकारी को दो पंचायत गणियारी कला और टाटीदिरी पंचायत के ग्रामीणों से अपने अपने पंचायत के सरकारी विद्यालय और आगनबाड़ी केंद्र मे पेवर ब्लॉक लगाने के लिए आवेदन दिया और खेल यही से शुरू हुआ. पत्र के बाद ग्रामीणों ने मनरेगा आयुक्त को भी चिट्ठी दिया. दो अधिकारियो ने जिले के अधिकारियो को पत्र के आलोक में निर्देश दिया की दो पंचायत के ग्रामीणों का पत्र मिला है. इसके एवज में मनरेगा नियम के तहत कार्य करने का निर्देश जारी हुआ और इसी पत्र के आधार पर एक साथ पांच पांच लाख की लागत से 80 पेवर ब्लॉक की योजना ली गई. जिसकी लागत लगभग चार करोड़ रुपए होता है. 15 अगस्त से पहले लगभग एक करोड़ का भुगतान भी हुआ.
भ्रस्टाचार ने संलिप्त है सभी
अब इसी योजना पर तीन करोड़ की राशि और निकालने का वाउचर लग गया है ,नियम कहता है की किसी भी मनरेगा योजना मे 60 और 40 प्रतिशत का रेसियो होता है जिसमे 60 प्रतिशत लेबर पेमंट होता है जबकि 40 प्रतिशत मैटेरियल पेमेंट होता है. लेकिन इस योजना मे 92 प्रतिशत मैटेरियल और आठ प्रतिशत लेबर पेमेंट होता है. जो मनरेगा योजना की सिर्फ धज्जियाँ ही नही बल्कि क्राइम की श्रेणी मे भी आता है. जितने भी पेवर ब्लॉक लगा है . सब मे घटिया निर्माण कराया गया है. जिसका स्कूल के प्रिंसपल से लेकर अध्यक्ष तक कहा गया की स्कूल के बंद अवधि मे ये चोरी से योजना लगाया गया है जबकि जो सड़क निर्माण हुआ उसमे जमकर अनिमियता हुई है . जिस स्कूल मे जाने के लिए सड़क नही है उस विद्यालय के आँगन मे दस लाख की लागत से पेवर ब्लॉक लगाकर राशि निकालने की तैयारी चल रही है विद्यालय के छात्रों ने कहा की हमलोग को स्कूल आने जाने का रास्ता काफ़ी जर्जर है कई बार हमलोग इस रास्ते के माध्यम से गीर भी गए है.
पेवर ब्लॉक करना नियम के विरुद्ध
धुरकी प्रखंड के एक पदाधिकारी ब्लॉक कार्यक्रम पदाधिकारी जो की मनरेगा की योजनाओं पर मॉनेटरिंग करता है उसकी बात सुनिए वे खुद बोल रहे है की अधिकारियो की मिली भगत से पेवर ब्लॉक का काम किया गया है . हो भ्रष्टाचार की श्रेणी मे आता है. मनरेगा मे पेवर ब्लॉक करना नियम के विरुद्ध है फिर भी मेरे हड़ताल अवधि मे ये काम किया गया है . जो की गलत है हम हड़ताल से वापस होने पर इस कार्यवाई करने के लिए लिखेंगे क्योंकि यदि ऊपर के अधिकारी दो पंचायत मे नियम के अनुसार ज़ब पेवर ब्लॉक लगाने के लिए कार्यवाई करने को कहा है, तो इसने पुरे ब्लॉक मे ही जिले के अधिकारी और ब्लॉक बीडीओ को पत्र दिखाकर काम कर लिया जो की गलत है . वंही इस मामले पर डीडीसी ने कहा की इस मामले पर बीडीओ से स्पष्टीकरण पूछा गया है. जो भी योजनाएँ हुई है वो नियम संगत हुई होंगी फिर भी यदि आप जो कह रहे है तो हम इसकी जाँच कराकर कार्यवाई करेंगे .
रिपोर्ट धर्मेन्द्र