धनबाद(DHANBAD) : महात्मा गांधी एक महान महिला थी. अगर b.Ed के किसी भी छात्र ने यह बात अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखी है, तो धनबाद और बोकारो के बीएड कॉलेजों में हो रही पढ़ाई पूरी तरह से सवालों के घेरे में है. मामला कुछ ऐसा हुआ कि प्राइवेट b.Ed कॉलेजों के छात्र- छात्राओं के काफी संख्या में फेल होने के बाद पिछले 5 दिनों से यह विवाद धनबाद में गरम था. सोमवार को तो छात्र-छात्राएं सड़क जाम कर कुलपति पर कई तरह के आरोप लगा रहे थे. इसके बाद धनबाद के अंचलाधिकारी ने पहुंचकर छात्र और विश्वविद्यालय प्रबंधन से बातचीत कराइ. कई कॉपियों को निकाल कर दिखाया गया. प्रशासनिक अधिकारियों के सामने छात्रों को बताया गया कि आप अपनी कॉपी ही देखिए, एक कॉपी में एक छात्र में लिखा था कि महात्मा गांधी महान महिला थी. एक छात्र काफी हो हल्ला कर रहा था, कह रहा था कि वह शिक्षक भी है, लेकिन उसकी कॉपी निकाली गई, तो प्रश्न पूछे गए थे कुछ और उत्तर कुछ और थे.
वैसे तीसरे सेमेस्टर के लिए छात्र कर दिए गए है प्रमोट
धनबाद, बोकारो में कुल 26 b.ED कॉलेज है. सेकंड सेमेस्टर के रिजल्ट जारी होने के बाद 804 बच्चे फेल कर दिए गए. इसके बाद तो हंगामा हो गया. छात्रों का कहना था कि उन्हें जानबूझकर फेल किया गया है, जबकि विश्वविद्यालय मैनेजमेंट का कहना था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. कॉपिया सही ढंग से नहीं लिखी गई है. इस मुद्दे पर एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक साथ एक मंच पर थे . सोमवार को सड़क जामकर विरोध किया गया. हालांकि फिर सभी छात्र छात्राओं को अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने का निर्णय हो गया. छात्र हित को देखते हुए विश्वविद्यालय मैनेजमेंट यह निर्णय लिया है. धनबाद- बोकारो के 26 b.Ed कॉलेज में कैसी पढ़ाई होती है, क्या व्यवस्था है, क्या छात्र सुविधा है, इसकी ऑडिट कभी नहीं कराई गई है. कई कॉलेजों के संचालक तो नेता टाइप के लोग है. बच्चों से भारी फीस की वसूली होती है.
26 बीएड कॉलेजों की ऑडिट कौन कराएगा
विश्व विद्यालय अथवा राज्य सरकार जिसकी भी जवाबदेही हो, से धनबाद -बोकारो में संचालित 26 बीएड कॉलेजों की ऑडिट करने की मांग उठने लगी है. ऐसा तो नहीं कि छात्र क्लास करते नहीं है, उन्हें सिर्फ डिग्री बांटी जाती है, शिक्षा को व्यवसाय बनाने की तरकीब को अगर सरकार ने समय रहते नहीं तोड़ा तो आने वाले दिन में यह बहुत बड़ा परेशानी का कारण बन सकते है. प्राइवेट स्कूलों का हाल तो सभी देख ही रहे हैं, किताब बिक्री में सेटिंग, कॉपी की बिक्री में सेटिंग, जिल्द की बिक्री में सेटिंग, स्कूली पोशाक में सेटिंग, से तो अभिभावक आजिज आ ही गए है. पेट काटकर किसी तरह से बच्चे को अच्छे स्कूल में पढ़ाने की कोशिश करते अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन, किताब दुकानदार और प्रकाशक का गठजोड़ किस प्रकार लूटता है, यह देखना हो तो कोई भी धनबाद पहुंच सकता है.
स्कूली पोशाक के नाम पर भी कम खेल नहीं है
स्कूली पोशाक के नाम पर भी वही हाल है. b.Ed कॉलेज का छात्र अगर अपनी कॉपी में यह लिखता है कि महात्मा गांधी महान महिला थी ,तो फिर उस कॉलेज की मान्यता रहनी चाहिए अथवा नहीं, यह विचार करने वाली बात होगी. बहुत सारे सवाल है, जो धनबाद- बोकारो में संचालित 26 बीएड कॉलेजों के फेल किये गए 804 छात्रों के बाद उठ रहे है. छात्र नेताओं के लिए भी एक चुनौती है कि असलियत जाने, विश्वविद्यालय अथवा सरकार को चाहिए कि अधिकारी, छात्र नेता, यहां के जनप्रतिनिधि और शिक्षाविदों की एक समिति बनाकर निजी स्कूल, निजी कॉलेज, b.Ed कॉलेज की जांच कराएं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करे. अन्यथा शिक्षा के नाम पर लूटने वालों के मुंह में खून लग गया है, वह येन केन प्रकारेण यह सब करते रहेंगे और लोग लु टते रहेंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
