दुमका(DUMKA): दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा प्रमंडल स्तरीय धरना दिया गया. धरना का नेतृत्व आदिवासी सेंगल अभियान के संथाल परगना जोनल हेड अमर मरांडी ने किया. धरना में प्रमंडल के सभी 6 जिलों से एएसए के सदस्य पहुंचे थे. सदस्यों ने राज्य सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. धरना के पश्चात सीएम के नाम 5 सूत्री मांग पत्र आयुक्त को सौपा गया.
सीएम से पूछे गए ये सवाल
मीडिया से बात करते हुए अमर मरांडी ने कहा कि मांग पत्र के माध्यम से सीएम से 5 सवाल पूछा गया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सीएम 5 मई को ओलचिकी लीपि के जनक कहे जाने वाले पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती पर ओडिसा स्थित उनके घर जाते हैं वहीं दूसरी ओर झारखंड में संताली भाषा को ओलचिकी लीपि के साथ अभी तक राजभाषा का दर्जा नहीं दे रहे हैं, जिसकी मांग लंबे समय से हो रही है. साथ ही उनके दल के कुछ विधायक इसका विरोध भी करते हैं. यह पंडित रघुनाथ मुर्मू का अपमान नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने 5 जनवरी 23 को पत्र लिख कर पारसनाथ स्थित मरांग बुरु को जैन धर्मबलम्बियों के हाथों क्यों बेच दिया. सरना धर्म कोड की जगह सरना आदिवासी धर्म कोड 11 नवंबर 2020 को पारित कर बिना राज्यपाल के हस्ताक्षर के दिल्ली क्यों भेजा गया? कुर्मी / महतो समुदाय को आदिवासी बनाने का 8 फरवरी 2018 को अनुसंशा करके असली आदिवासियों के गले मे फांसी का फंदा लटकाने का काम क्यों किया?आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार लाने के बदले उन्हें प्रलोभन देकर वोट बैंक के लिए उनको भटकाने का काम क्यों करते हैं?
अमर मरांडी ने बताया कि आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा 30 जून 2023 को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आहूत विश्व सरना धर्म कोड जनसभा में भी इन 5 सवालों को उठाने के लिए बाध्य है, क्योंकि यह 5 सवाल भारत के आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी के साथ जुड़ा हुआ है.
रिपोर्ट: पंचम झा