रांची(RANCHI): झारखंड आदिवासी महोत्सव समापन की ओर है.समापन समारोह का भव्य कार्यक्रम आयोजन किया गया है. इस दौरान मंत्री चम्पई सोरेन ने आदिवासी समाज के पूर्वजों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि हम अपने अधिकार के लिए एक जुट नहीं हुए तो खत्म कर दिए जाएंगे.चम्पई सोरेन ने संबोधन की शुरुआत विश्व,देश और झारखंड के वीर सपूत को नमन किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि आदिवासी महोत्सव का दूसरा दिन भी काफी ऐतिहासिक है. झारखंड के लोगों को क्रांति और शहादत ने हमे अलग देश का सपना दिखाया था. 1600 से लेकर अबतक गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर उलगुलान मचाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि देश में हमारा सामाजिक व्यवस्था सबसे मजबूत है. हमारे समाज में अमीर गरीब सभी एक समान होते है. हमारे पूर्वज ने जंगल में घर बनाया उसके बाद ज़िंदगी जीने के लिए काम करना शुरू किया. उसी जंगल में देहवाली सरना स्थल बनाया. हम आदिवासी लोग मंदार के थाप पर अपने दिल का दुःख और खुशी जाहिर करते है. हमारे SC एरिया में हमें परेशान किया जाता है, यह एक बड़ी चुनौती है. राज्य में हेमन्त सोरेन सरकार विश्व में पहला और देश में दूसरा महोत्सव मनाने का निर्णय लिया.
हम इस महोत्सव के जरिये अपने आप को दुनिया को दिखा रहे है. हम अपने अधिकार के लिए एक जुट होकर खड़े होने की जरूरत है. हमारे समाज के तिलका माजी, सिधो कान्हो, चांद भैरव, भगवान बिरसा के क्रांति और शहादत के जरिये हमें अपना अधिकार और जमीन दिया है. हमें जमीन कोई भीख में नहीं मिला है.
देश में आदिवासी पर अत्याचार हो रहा है. इसका उदहारण मणिपुर है.देश तरक्की कर रहा है लेकिन आदिवासी पर अत्याचार बढ़ रहा है.हमें धरती कोई भीख नहीं मिली है.हमने लड़ कर लिया है.हम अपने परंपरा और संस्कृति को बचाए रखने का संकल्प नहीं लेंगे तो हमें दबा दिया जाएगा.हम बच नहीं पाएंगे.हमें अपने पूर्वजो के अधिकार को याद करना चाहिए.
रिपोर्ट. समीर हुसैन