धनबाद(DHANBAD): ECL के मुगमा के कपासारा आउटसोर्सिंग के पास सोमवार को तड़के चाल धंस गई. चाल अवैध कोयला खनन के दौरान धंसी. इसमें दो लोगों की जान जाने की बात कही जा रही है. दोनों लोग लोकल थे और कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है. यह इलाका निरसा थाना क्षेत्र में पड़ता है. मरने वालों के नाम भी घटनास्थल पर लोग बता रहे है. घटना की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि रविवार की रात 2 बजे के बाद 15 से 20 की संख्या में मजदूर अवैध कोयला काटने पहुंचे थे. कोयला काटना अभी शुरू ही किया था कि चाल धंस गई . जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. और कुछ लोगो के दबे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. यह इलाका अवैध कोयला उत्खनन के लिए कुख्यात रहा है. यहां से कोयला निकाल कर दो पहिया अथवा चार पहिया वाहनों से लोकल के अलावा गोविंदपुर तक भेजा जाता है.
कुछ लोगों के दबे होने की भी है आशंका
इस काम में एक मजबूत सिंडिकेट लगा हुआ है. सिंडिकेट के लोग ही मरने वालों की लाश निकालकर भाग गए है. कितने लोग इसमें दबे हैं, इसका अभी पता नहीं चल रहा है. इस घटना ने फिर साबित कर दिया है कि अवैध उत्खनन का काम निर्वाध तरीके से चल रहा है. कोयला चोरी कराने वाला सिंडिकेट लोकल मजदूरों के साथ-साथ बाहर के मजदूरों को भी लगाते है. उनसे कोयला कटवाते है और कोई दुर्घटना हो जाती है तो परिवार वालों को बेसहारा छोड़ देते है. अवैध कोयले की खपत न केवल स्थानीय चिन्हित हार्ड कोक उद्योग में होती है , बल्कि यह कोयला बिहार ,यूपी व बंगाल की मंडियों में भी जाता है. हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग 'बादशाह' नियुक्त है. आज फिर चाल धंसी . दब गए कुछ लोग. यह कहना अब बेईमानी लगती है. कहना होगा जीते-जी दफन हो गए. इनकी मौत पर कोई आंसू नहीं बहाता. ऐसा नहीं है कि आंसू सूख जाते है. ऐसा भी नहीं कि रोना नहीं आता है. आता है लेकिन रो नहीं पाते है. . इनके लिए ही शायद मुहावरा गढ़ा गया होगा-खून का आंसू पीना.
धनबाद (निरसा ) से विनोद सिंह की रिपोर्ट