रांची(RANCHI): झारखंड हाई कोर्ट में साहिबगंज गंगा नदी में मालवाहक जहाज परिचालन मामले में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉक्टर रवि रंजन और जस्टिस एस.एन प्रसाद की खंडपीठ में हुई. इस दौरान परिवहन सचिव केके सोन, साहिबगंज डीसी और कटिहार डीएम उदयन मिश्रा कोर्ट में हाजिर हुए. वहीं, कटिहार डीएम ने अदालत के समक्ष कहा कि पूर्व में कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को लागू कर दिया गया है.
कोर्ट ने पूछा क्यों नहीं किया जाए चार्जफ्रेम?
झारखंड हाई कोर्ट ने कटिहार डीएम उदयम मिश्रा से पूछा कि आपने हलफनामा में अवमानना का जिक्र क्यों नहीं किया है. आप पर चार्ज फ्रेम क्यों नहीं किया जाए? जिस पर कटिहार डीएम उदयम मिश्रा ने मौखिक तौर पर अदालत से माफी मांगी. कोर्ट ने डीएम को लिखित माफी मांगने के लिए कहा. कोर्ट ने अदालत के आदेश पर गंभीर रहने की नसीहत दी. अधिकारियों की लापरवाही के कारण फजीहत होती है. इस मामले में अब अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर है. गौरतलब हो कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहार के कटिहार जिले के डीएम उदयन मिश्रा पर अवमानना का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था और कोर्ट ने उन्हें अदालत में फिजिकली हाजिर होने का आदेश दिया था.
प्रकाश चंद्र यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में की है याचिका दाखिल
जय बजरंग बली स्टोन वर्क्स के मालिक प्रकाश चंद्र यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उसमें कहा गया है कि पहले जिला प्रशासन द्वारा समदा घाट और मनिहारी घाट के बीच गंगा नदी में उनके मालवाहक जहाज के संचालन की अनुमति दी गई थी. इसके बावजूद इसके रोल ऑन_ रोल ऑफ था. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से संचालन की अनुमति नहीं थी. प्राधिकरण ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जहाजों का संचालन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम 1985 राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 अंतर्देशीय पत्र अधिनियम 1917 के प्रावधानों के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा लागू कानूनों के अनुसार किया जाएगा. संथाल परगना डिवीजन के आयुक्त ने निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता अपने स्वामित्व वाले या वैद्य समझौते के तहत अपने कितने भी जहाजों की फेरी लगा सकते हैं.
रिपोर्ट : रंजना कुमारी, रांची