देवघर(DEOGHAR):तीर्थनगरी देवघर इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. तापमान 44 डिग्री के पार जा चुका है. शुरू से ही पड़ रही भीषण गर्मी से शहरी क्षेत्र का भूगर्भीय जलस्तर तो नीचे चला ही गया है, अब इसके चपेट में ग्रामीण क्षेत्र भी आ गया है.
बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद
देवघर के करौं प्रखण्ड मुख्यालय के विरेनगढ़िया पंचायत स्थित सियाटांड़ गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. गांव में पानी की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण महिला और पुरुष दो से तीन किमी दूर से ट्रैक्टर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. आपको बता दें कि सियाटांड़ गांव में पानी की समस्या सालों पुरानी है. इस समस्या से निपटने के लिए न तो प्रशासन और न ही सांसद और विधायक की एर से कभी नहीं ठोस प्रयास किए गए.
सरकार की योजनाओं का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है लाभ
भीषण गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. हालांकि ग्रामीण कई बार सांसद,स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर यहां के विधायक सह मंत्री हफीजुल हसन को भी पेयजल की गंभीर समस्या से निजात दिलाने की मांग कर चुके हैं. लेकिन किसी ने भी इन ग्रामीणों की जायज मांग को तव्ज्जो नहीं दिया. सरकार गांवों में पानी की समस्या से निपटने के लिए न केवल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, बल्कि कार्य योजना बनाकर पानी उपलब्ध कराए जाने का ढिंढोरा भी पिटती है.
ट्रैक्टर भाड़ा पर लेकर 3 किलोमीटर दूर कुआं से पानी भरते है ग्रामीण
ऐसा नहीं है कि मात्र सियाटांड़ गांव में ही पानी की समस्या विकराल रूप धारण किया हुआ है, बल्कि आसपास के कई गांवों में भी इसी प्रकार का जल संकट बना हुआ है. पानी के लिए ग्रामीण ट्रैक्टर भाड़ा पर लेकर 3 किलोमीटर दूर कुआं से पानी मोटर पंप के जरिये भरते हैं.
इंद्र देव की मेहरबानी पर ग्रामीणों की उम्मीद
देवघर जिला में आम जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. खासकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की घोर किल्लत से निजात अब बारिश पर ही लोगों की अंतिम उम्मीद टिकी है. अगर जल्द इंद्र देव की मेहरबानी नहीं हुई तो लोगों को पानी पीने के लिए पानी की तरह पैसा बहाना होगा.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा