धनबाद (DHANBAD) : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किस दल से जुड़े हुए हैं .यह प्रश्न सुनकर आपको भी अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह सच्चाई है कि धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग को यह नहीं मालूम है कि झारखंड के मुख्यमंत्री किस दल से जुड़े हुए हैं. जी हां, ऐसा ही हुआ है सोमवार को पहली पाली में डिग्री सेमेस्टर वन की अंडरस्टैंडिंग इंडिया विषय की परीक्षा में प्रश्न पत्र के 70 वे नंबर में पूछा गया कि झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री किस दल से संबंधित हैं. विकल्प दो दिए गए थे. एक में कहा गया था कि कांग्रेस और दूसरे में विकल्प के रूप में भारतीय जनता पार्टी दिया हुआ था. आश्चर्यजनक बात तो यह है कि अन्य प्रश्नों में चार विकल्प दिए गए थे, जबकि मुख्यमंत्री वाले प्रश्न में सिर्फ दो ही विकल्प थे. छात्रों के हाथ में जब प्रश्नपत्र गए और प्रश्नों का हल करते करते छात्र 70 में नंबर प्रश्न पर पहुंचे तो वह ठिठक गए. कुछ देर के लिए रुक गए. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आगे क्या करें, छात्रों ने हॉल में मौजूद शिक्षकों को इसकी जानकारी दी. फिर केंद्र अधीक्षक को बुलाया गया लेकिन तुरंत कोई विकल्प नहीं दिख रहा था.
लापरवाही का मामला
इस प्रश्न के उत्तर में कई छात्रों ने झारखंड के मुख्यमंत्री को कांग्रेस के विकल्प के रूप में टिक लगा दिया. हालांकि वह जानते थे कि हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े हुए हैं. इसे या तो प्रश्न पत्र बनाने वालों की लापरवाही कहीं जाए या जानकारी का अभाव. बच्चा बच्चा जानता है कि झारखंड में 2019 से हेमंत सोरेन की अगुवाई में राज्य सरकार चल रही है. यह सरकार गठबंधन की सरकार है. हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हैं, लेकिन प्रश्न पत्र तैयार करने वालों को अगर यह सब भी नहीं मालूम था या है, तो इसे क्या कहा जाए. निश्चित रूप से यह लापरवाही का मामला हो सकता है. प्रिंटिंग भूल भी हो सकती है. इस मामले में परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि इसकी सूचना मिली है .सोमवार को हुई परीक्षा में दो ही विकल्प मिले हैं. दो ही विकल्प प्रिंट हुए हैं. इस कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. जिन जिन छात्रों ने प्रश्न का कुछ भी उत्तर दिया है, उन्हें संबंधित प्रश्न के पूरे अंक मिलेंगे .अब यह प्रश्न पत्र प्रिंट करने में त्रुटि हुई है अथवा प्रश्न पत्र तैयार करने वालों को ही मालूम नहीं है. यह तो अब आगे जांच का विषय है ,क्योंकि सवाल मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद