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फसल को पशु-पक्षियों से बचाने के लिए किसान ने अपनाया देसी जुगाड़, जिसे देख लोग हुए हैरान

फसल को पशु-पक्षियों से बचाने के लिए किसान ने अपनाया देसी जुगाड़, जिसे देख लोग हुए हैरान

टीएनपी डेस्क(TNPDESK) : पशु, पक्षियों से फसलों की सुरक्षा करने के लिए एक युवक ने जुगाड़ कर ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण बना डाला. उपकरण से उत्पन्न ध्वनि के कारण पशु पक्षियां अब खेतों के आसपास नही आते. जिससे बीजों के चुग जाने और फसलों के नष्ट होने के खतरे से बहुत राहत मिल रही है. बता दें कि, ये कमाल कर दिखाया है दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलगुमा गांव निवासी मिथिलेश यादव ने. मिथिलेश ने पशु, पक्षियों से परेशान होकर उनसे फसलों की रक्षा करने के लिए डिब्बा, थाली, मोबाइल बैटरी, तार, मोटर और सोलर पैनल आदि घरेलु जुगाड़ की मदद से ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण बना डाला. उपकरण देख आस पास के किसान भी काफी हैरान नजर आ रहे हैं.

सूर्य के प्रकाश से चार्ज होते ही बजने लगता है उपकरण

इस संबंध में मिथिलेश यादव ने कहा कि वह पढ़ाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी भी करता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. जब भी वह खेतों में बीज और दाना डालता था, उसे पक्षी चुग जाते थे और अगर कुछ बीज पक्षियों से बच भी जाते और पौधे निकल आते तो उसे पशु अपना आहार बना लेते थे. अपने फसलों कि यह स्थिति को देखते हुए ही उसने सोचा की क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए, जिससे फसलों की सुरक्षा पशु पक्षियों से हो जाए. उपकरण के बारे में उसने बताया कि, इस उपकरण से उसे बहुत फायदे हो रहे हैं. यह उपकरण सूर्य के प्रकाश से चार्ज होते ही बजने लगता है. जिसका शोर सुन पशु पक्षी खेतों की तरफ नहीं आते हैं और हमारी फसलों की रक्षा भी हो जाती है.

विज्ञान में है काफी रुचि

मिथिलेश ने बताया कि आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण इस उपकरण को देशी जुगाड़ करके बनाया गया है. इसे घर से ही कंट्रोल करने वाला बनाया जा सकता था, लेकिन संसाधनों कि कमी के कारण वह नहीं हो पाया. अगर अच्छे संसाधन होते तो इसे और भी अच्छा बनाया जा सकता था. बता दें कि मिथिलेश एमएससी के बाद बीएड की पढ़ाई कर रहा है. उसका सपना है कि वह शिक्षक बने साथ ही वह विज्ञान में भी काफी रुचि रखता है.

Published at:12 Jul 2024 05:09 PM (IST)
Tags:dumkajharkhandfarmersagricultureequipmentMakeshifterजुगाड़दुमकाबेलगुमा गांवघरेलु जुगाड़उपकरण
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