धनबाद(DHANBAD): हर प्रदेश की सरकार एक निश्चित अंतराल पर "पोषण सप्ताह' चलाती है. इसका कितना असर होता है, इसकी समीक्षा शायद ही होती होगी. झारखंड की बात की जाए, तो धरती के ऊपर आयरन का बड़ा भंडार है. यह राज्य देश के तीन टॉप प्रदेशों में आता है. लेकिन आंकड़े पर भरोसा करें तो झारखंड के 67% बच्चे एनीमिया के शिकार है. 65 प्रतिशत से अधिक महिलाएं एनीमिया से जूझ रही है. पुरुष भी इस बीमारी से लड़ रहे है. लेकिन उनका प्रतिशत 25 से 30 का है. कहीं-कहीं तो बच्चे और महिलाओं में एनीमिया का आंकड़ा 70% तक पहुंच गया है. यह आकड़ा घटने के बजाय बढ़ता जा रहा है. झारखंड का संथाल परगना इससे सबसे अधिक प्रभावित है. सरकार के जो भी प्रयास हो रहे हैं ,वह कारगर साबित नहीं हो पा रहे है. किसी भी व्यक्ति को एनीमिया तब होता है, जब उसके रक्त में पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कणिकाओं की कमी हो जाती है. शरीर के अंगों में कम ऑक्सीजन पहुंचने के कारण इसके लक्षण दिखाई देने लगते है.
देश में 10 में से 6 किशोरियों को खून की कमी
देश के आंकड़े पर गौर करें तो 10 में से 6 किशोरियों को खून की कमी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण कर किया गया अध्ययन से यह बात सामने आई है. BHU और अन्य संस्थाओं की ओर से किए गए अध्ययन में पाया गया है कि भारत में 15 से 19 साल तक की किशोरियों में पोषण की खराब स्थिति, धन और शिक्षा, अन्य सामाजिक आर्थिक कारकों सहित किशोरावस्था में विवाह एनीमिया का महत्वपूर्ण कारक है. एनीमिया को आयरन की कमी से होने वाले विकार के रूप में भी जाना जाता है. क्योंकि हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है. लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है. एनीमिया के 400 से अधिक प्रकार हैं, जो खून की कमी, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी, लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने आदि के कारण होते है. 4000 साल पहले से मानव हड्डियों में तीव्र एनीमिया के लक्षण थाईलैंड में पाए गए है.
दुनिया की 24.8 (%) आबादी को प्रभावित करता है
.एनीमिया सबसे आम रक्त विकार है, जो दुनिया की 24.8 (%) आबादी को प्रभावित करता है. बच्चों और महिलाओं में इस रक्त विकार के विकसित होने का खतरा अधिक होता है. जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, यह बढ़ता जाता है. एनीमिया के कई कारण हैं, कुछ कारकों में आनुवंशिकता, खराब आहार, कुछ पोषक तत्वों की कमी और गर्भावस्था, मासिक धर्म चक्र, चोटों और किसी अन्य आंतरिक रक्तस्राव के दौरान रक्त की हानि शामिल है. एनीमिया सबसे आम रक्त विकार है, जो भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है. स्वस्थ और संतुलित आहार जिसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों, खाने से हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के नुकसान को रोका जा सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो