☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

TNP SPECIAL-जमीन से 500 मीटर नीचे कोयला खदान में भी चलती है ट्रेन ,जानिए एकमात्र किसे जाता है यह श्रेय

TNP SPECIAL-जमीन से 500 मीटर नीचे कोयला खदान में भी चलती है ट्रेन ,जानिए एकमात्र किसे जाता है यह श्रेय

धनबाद(DHANBAD) | रेलगाड़ी अथवा मेट्रो ट्रेन की तरह ही जमीन से 500 मीटर नीचे कोयला खदान में भी ट्रेन चलती है.  यह अलग बात है कि इसका नाम  रेलगाड़ी या मेट्रो ट्रेन नहीं है, बल्कि इसे मोनो रेल का नाम दिया गया है.  सुनने में आपको आश्चर्य जरूर हो  रहा होगा लेकिन है सौ फीसदी सच.  पूरे देश में कोयला खदान के भीतर मोनोरेल चलाने की ख्याति सिर्फ धनबाद के पास है.  कोल इंडिया की जितनी भी अनुषंगी इकाइयां हैं, उनमें से बीसीसीएल ही एक ऐसी है, जहां मोनो रेल चलती है.  अब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था लेकिन अब इसे पूरे देश को बताया जाएगा कि   कोयला खदान में जमीन से 500 मीटर से भी अधिक गहराई में मोनो रेल आम ट्रेन की तरह ही चलती है.  भूमिगत खदान में रेल की सुविधा सुन गैर कोलियरी वाले  क्षेत्र में रहने वाले लोग जरूर आश्चर्य में पड़ेंगे. अब तक इस  बात की जानकारी  कुछ लोगों तक ही सीमित थी लेकिन अब इसे सार्वजनिक करने की तैयारी की गई है.  कोयले की भूमिगत खदानों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में 5 एवं 6 जून को अंडरग्राउंड माइन्स मैकाइज़ेशन  पर  प्रदर्शनी प्रस्तावित है.  

देश भर के लोग देख सकेंगे झांकी 

प्रदर्शनी में देशभर के लोग मोनो  रोल की झांकी देख सकेंगे.  यह सुविधा देश में सिर्फ धनबाद की मुनीडीह  खदान में ही है.  यह खदान  देश की सर्वश्रेष्ठ सुरक्षित खदान मानी जाती है.  यही वजह है कि खदान देखने के लिए आने वाले बड़े-बड़े अधिकारियों को मुनीडीह  खदान में सुरक्षित ले जाया जाता है.  सूत्रों के अनुसार बीसीसीएल की ओर से प्रदर्शनी में मोनो रेल और लॉन्गवाल तकनीक   को दिखाया जाएगा.  जमीन के ऊपर चलने वाली रेलगाड़ी की तरह ही भूमिगत खदान के भीतर मोनो रेल चलती है.  खदान के भीतर बनावट कुछ ऐसी होती है कि कई किलोमीटर तक कोयला कर्मियों को चलना होता है.  माइनिंग के लिए औजार भी  ले जाना पड़ता है.  ऐसे में कोयला कर्मियों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए मुनीडीह  भूमिगत खदान में मोनोरेल की व्यवस्था की गई है.  यानी मोनोरेल से ट्रांसपोर्टिंग की जाती है.  बकेट की तरह  कई डब्बे  इस रेल में  होते  हैं ,जो खदान के अंदर बिछाई गई पटरियों पर दौड़ते है. 

यह अजूबा ट्रेन होगी प्रदर्शनी के केंद्र में 
 
यह अपने आप में अजूबा चीज है लेकिन इसका प्रयोग हो रहा  है और लाभ भी होता है.  कोयला मंत्रालय के आदेश पर बीसीसीएल  प्रदर्शनी में मोनो रेल और लोंगवाल तकनीक से लोगों को आमना- सामना कराने के लिए मॉडल तैयार कर रहा है.   इस प्रदर्शनी में देश के सभी सरकारी और गैर सरकारी खनन कंपनियां अपनी अपनी नई तकनीक का प्रदर्शन करेगी.  मोनोरेल बीसीसीएल को ख्याति दिलाएगी या नहीं ,यह तो आनेवाला वक्त बताएगा. वैसे भी, अब प्रबंधन का भूमिगत खदानों में  रुचि बहुत कम है.  आउटसोर्सिंग परियोजनाओं के शुरू होने से भूमिगत खदानों का कांसेप्ट धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है.  पोखरिया खदानों से ही कोयले का उत्पादन धड़ल्ले से किया जा रहा है.  अगर बीसीसीएल की  हम बात करें तो 90% से अधिक कोयला उत्पादन आउटसोर्सिंग परि योजनाओं से हो रहा है.  इस बीच कोयला खदान में मोनो रेल की प्रदर्शनी से देश स्तर पर क्या प्रतिक्रिया होगी, यह आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:25 May 2023 02:07 PM (IST)
Tags:dhanbadmunidihtrainproductiononly one
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.