धनबाद(DHANBAD): धनबाद रेल मंडल के नाम कीर्तिमान पर कीर्तिमान, आमदनी में हो गया है पूरे देश का बादशाह, धनबाद रेल मंडल के आगे दूर-दूर तक दूसरे कोई डिवीजन नहीं दिख रहे है. गुरुवार को यह सूचना धनबाद पहुंची कि धनबाद रेल मंडल पूरे देश का कमाई में नंबर वन बन गया है. लेकिन इस रेल मंडल का दुर्भाग्य देखिए कि पहले तो इस मंडल से दुरंतो एक्सप्रेस छीन ली गई. छीनकर वाया मेल लाइन चलाई जाने लगी. यह सब 2019 में किया गया था. लेकिन अब देखिए झारखंड के एंबुलेंस ट्रेन अल्लेपी का क्लोन ट्रेन (यानी डुप्लीकेट) मानकर चलने वाली और दक्षिण बिहार से धनबाद को जोड़ने वाली धनबाद कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन धनबाद से छीनकर बरौनी के हाथों में दे दिया गया है. शनिवार से या ट्रेन बरौनी की हो जाएगी. मतलब उपलब्धि के 2 दिन बाद ही धनबाद रेल मंडल को एक और बड़ा झटका. धनबाद- कोयंबटूर एक्सप्रेस को अल्लेपी का क्लोन ट्रेन यानी डुप्लीकेट ट्रेन मान लिया गया था. अल्लेपी में भीड़भाड़ को देखते हुए ऐसा माना जा रहा था कि धनबाद कोयंबटूर स्पेशल को ही अनुमति मिल जाएगी.
धनबाद कोयंबटूर स्पेशल ट्रेन धनबाद से छीनकर बरौनी को मिली
लेकिन धनबाद रेल मंडल के हाथों से यह हमेशा के लिए फिसल गई है. इधर, कमाई में धनबाद रेल मंडल फिर एक बार डंका बजा कर राजस्व के साथ- साथ पहली बार धनबाद रेल मंडल लोडिंग में भी सबको पीछे छोड़ दिया है. पिछली बार नंबर वन रहे बिलासपुर रेल मंडल को 14 मिलियन टन से पीछे ढकेल कर धनबाद रेल मंडल ने नया कीर्तिमान बना दिया है. धनबाद इस वित्तीय वर्ष में यानी 2022-2023 में 170. 3 मिलियन टन लोडिंग किया. भारतीय रेलवे में आज तक किसी भी मंडल ने यह काम नहीं किया है. आंकड़ों के मुताबिक हर साल नंबर वन रहने वाला बिलासपुर मंडल 30 मार्च तक 156.3 मि लियन टन लोडिंग के साथ इस बार पहले पायदान से खिसक कर दूसरे नंबर पर चला गया है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष धनबाद मंडल ने 8.5% अधिक लदान कर सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
धनबाद रेल मंडल ने 30 मार्च तक लोडिंग से 22,869 करोड़ रुपए कमाया
धनबाद रेल मंडल ने 30 मार्च तक लोडिंग से 22,869 करोड़ रुपए कमाया है. पिछले साल धनबाद डिवीजन ने लोडिंग से 18,595 करोड़ रुपया कमाया था. पिछले साल के मुकाबले धनबाद ने इस वर्ष 42 73. 64 करोड की अधिक कमाई की है. दूसरे नंबर पर बिलासपुर मंडल है जबकि तीसरे नंबर पर खुर्दा रोड डिविजन और चौथे नंबर पर चक्रधरपुर मंडल आया है. अधिक कमाई के बावजूद धनबाद के साथ रेलवे न्याय नहीं करता. धनबाद को आज तक दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन नहीं मिली. मुंबई के लिए भी , बेंगलुरु के लिए भी नहीं मिली. धनबाद रेल मंडल ने कमाई का आंकड़ा बढ़ाकर धनबाद और गिरिडीह के सांसदों को भी एक बड़ी जिम्मेवारी सौंप दी है. आमदनी अधिक है तो सुविधा भी धनबाद वासियों को अधिक मिलनी चाहिए. गिरिडीह सांसद के लिए भी जरूरी है, क्योंकि उनका बहुत सारा क्षेत्र धनबाद जिले में ही आता है और गिरिडीह और धनबाद की दूरी भी अधिक नहीं है. धनबाद रेल मंडल को गिरिडीह के लोगों को भी बराबर का लाभ मिलाना चाहिए. सबसे बड़ी चुनौती मिली है धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह को. पशुपतिनाथ सिंह धनबाद से तीसरी बार भाजपा के सांसद है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
