धनबाद(DHANBAD): हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है. दिल -दिमाग में खून के बहाव को नियंत्रित करने वाली यह बीमारी कई बार जानलेवा साबित होती है. गैर संक्रामक बीमारियों में हाइपरटेंशन पहले नंबर पर आता है. तेजी से पांव पसारते की "साइलेंट किलर" से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी जाती है. जब शरीर की रक्त धमनियों की दीवारों पर लंबे समय तक खून का दबाव बढ़ जाता है तो इसे ही हाइपरटेंशन कहा जाता है. हाइपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव, अनियंत्रित खान-पान होता है. इसके अलावा मोटापा, शराब का सेवन, धूम्रपान, फैमिली हिस्ट्री भी हाई ब्लड प्रेशर की वजह में से एक हो सकते है.
हाई ब्लड प्रेशर के कई हो सकते हैं लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर के कुछ लक्षणों में सर दर्द, उल्टी।,चक्कर आना, नाक से खून आना, दिल की धड़कन में गड़बड़ी और सांस लेने में कठिनाई शामिल है. हालांकि उक्त रक्तचाप को न सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है. ब्लड प्रेशर को "साइलेंट किलर" इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण आसानी से नजर नहीं आते है. दुनिया के हर तीन में से एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संबंध रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हर पांच में से चार व्यक्ति को सही ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है.
झारखंड राज्य में 21.2 प्रतिशत पुरुष पीड़ित
वही झारखंड की बात करें तो राज्य में 21.2 प्रतिशत पुरुष और 16.01% महिलाएं रक्तचाप से पीड़ित है. हालांकि झारखंड का यह आंकड़ा पिछले साल का है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तो अभी हाल ही में रिपोर्ट जारी किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर स्वास्थ्य कार्यक्रमों में तेजी लाई जाए तो 2023 और 2050 के बीच लगभग 7.6 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है. अगर सही ढंग से इलाज हो तो स्ट्रोक से 12 करोड़, दिल के दौरे से 7.9 करोड़ और हार्ट फेल होने से 1.7 करोड़ होने वाली मौतों पर भी लगाम लगाई जा सकती है. रिपोर्ट में इस बात की भी चर्चा है कि बांग्लादेश , भारत और श्रीलंका सहित 40 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू कर उच्च रक्तचाप के मामले को समय के साथ कम किया है. रक्तचाप के कारण दिल का दौरा, हार्ट फेल गुर्दे और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. बड़े शहरों की जीवन शैली खराब होने की वजह से भी रक्तचाप की बीमारी अधिक होती है.
ये हो सकते हैं हाइपरटेंशन के कारण
ये हो सकते हैं हाइपरटेंशन के कारण-आनुवांशिक,बदलती जीवनशैली,तम्बाकू एवं मदिरा का सेवन,मोटापा,व्यायाम न करना,ज्यादा नमक का सेवन,थायराइड की बीमारी, एड्रीनल ग्रन्थि की बीमारी, डायबिटीज की बीमारी,शरीर में वसा की अधिक मात्रा,वृद्धावस्था, गुर्दे की खराबी. गैर-संक्रामक बीमारियों में हाइपरटेंशन पहले नंबर पर आता है. तेजी से पांव पसारते इस साइलेंट किलर से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी जाती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो