धनबाद(DHANBAD) | क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि राह चलते किसी भी महिला- पुरुष को जमीन लील जाएगी. सुनने में यह आपको जरूर अटपटा लग रहा होगा. लेकिन रविवार को धनबाद के कुसुंडा के गोंदूडीह में यही हुआ है. तीन महिलाओं की लाश भी सुरक्षित नहीं निकला जा सक रहा है. शरीर के टुकड़े टुकड़े निकल रहे है. रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार को भी रात 8 बजे तक चला था. सुबह से भी शुरू हुआ लेकिन अब सिर्फ शरीर के अवशेष मिल रहे है. रविवार से ही लोगों में भारी आक्रोश है. लोगों का आक्रोश तब और बढ़ जाता है, जब धनबाद के अंचलाधिकारी ने कहा कि बीसीसीएल के कहने पर एक साल पहले ही जगह चिन्हित कर बता दिया गया था लेकिन पुनर्वास नहीं हुआ. नतीजा हुआ कि रविवार को तीन महिलाएं जीवित दफन हो गई.
कोई तो बातये आखिर गोफ बना था कब
आखिर इसके लिए कोई तो जवाबदेह होगा. किसी की भी तो जिम्मेवारी तय होनी चाहिए. गोफ क्या रविवार को ही बना या पहले से बना हुआ था. अगर पहले से बना हुआ था तो उस जगह की घेराबंदी क्यों नहीं की गई थी. घेराबंदी करना किसकी जिम्मेवारी थी. 104 साल से इंतजार करते-करते भूमिगत आग,अब "धधकने" लगी है.1919 में झरिया के भौरा में भूमिगत आग का पता चला था.यह भूमिगत आग अब "कातिल" हो गई है. वैसे पिछले 25 सालों से वह संकेत दे रही है कि हालात बिगड़ने वाले हैं. लेकिन जमीन पर ठोस काम करने के बजाए हवाबाजी होती रही. झरिया के घनुडीह का रहने वाला परमेश्वर चौहान आग से फटी जमीन के भीतर गिर गया था. कड़ी मेहनत के बाद NDRF की टीम ने 210 डिग्री तापमान के बीच से टीम ने शरीर के अवशेष को बाहर निकाला.
कोयलांचल की कातिल आग की करतूत
झरिया की यह आग 1995 से ही संकेत दे रही है कि अब उसकी अनदेखी खतरनाक होगी. 1995 में झरिया चौथाई कुल्ही में पानी भरने जाने के दौरान युवती जमींदोज हो गई थी. 24 मई 2017 को इंदिरा चौक के पास बबलू खान और उसका बेटा रहीम जमीन में समा गए थे. इस घटना ने भी रांची से लेकर दिल्ली तक शोर मचाया ,लेकिन परिणाम निकला शून्य बटा सन्नाटा. 2006 में शिमलाबहाल में खाना खा रही महिला जमीन में समा गई थी. 2020 में इंडस्ट्रीज कोलियरी में शौच के लिए जा रही महिला जमींदोज हो गई थी. फिर इधर 28 जुलाई 2023 को घनुड़ीह का रहने वाला परमेश्वर चौहान गोफ में चला गया .पहले तो बीसीसीएल प्रबंधन घटना से इंकार करता रहा लेकिन जब मांस जलने की दुर्गंध बाहर आने लगी तो झरिया सीओ की पहल पर NDRF की टीम को बुलाया गया. टीम ने कड़ी मेहनत कर 210 डिग्री तापमान के बीच से परमेश्वर चौहान के शव का अवशेष निकाला. शायद यह धनबाद कोयलांचल में गोफ में गिरे या समाए लोगों के शव का अवशेष निकालने का पहला मामला था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो