धनबाद(DHANBAD): विकसित भारत का निराशावादी नागरिक निर्मल कुमार. मैं अपने स्वयं के जीवन से असफल और असंतुष्ट हूं .अपने निराशा भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए आत्महत्या कर रहा हूं. इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. सुसाइड नोट शर्ट के अंदर पॉकेट में है .हो सके तो पोस्टमार्टम कराए बिना शव को परिजनों को दें ताकि मेरा अंतिम संस्कार अच्छे से हो सके .कारण मैं जान बूझकर आत्महत्या कर रहा हूं. मेरा भाई और बहन का मोबाइल नंबर है. कृपया यह सूचना दोनों तक पहुंचा दें पर ध्यान रहे उनको पहले हिम्मत देना ताकि वह इस घटना को सुन सकें. यह तीन सुसाइड नोट उस दुकानदार की जेब से मिले हैं, जिस ने शुक्रवार को धनबाद शहर के बर तांड में दुकान के भीतर ही आत्महत्या कर ली थी. दुकान में ही लोहे की पाइप में मोटी रस्सी का फंदा बनाकर झूल गया था.
पूरा मामला
यह घटना शुक्रवार दिन के 10 बजे की है. वह सुबह 9 बजे अपने सभी परिजनों के मोबाइल पर मैसेज भेजा था. उसके बाद अपने दोनों मोबाइल को स्विच ऑफ कर लिया. मोबाइल पर मैसेज पाने के बाद उसका एक संबंधी गोमो से धनबाद पहुंचा. लेकिन दुकान का शटर बंद होने के कारण इंतजार करता रहा. जब बाहर से शटर में ताला बंद नहीं पाया तो शटर उठाकर देखा तो वह फंदे से लटका हुआ था. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. लेकिन पुलिस के पहुंचने में विलंब हुआ. इस कारण लोगों का आक्रोश भड़क गया और लोग सड़क पर उतर गए .फिर पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को शांत किया और शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. तीनों सुसाइड नोट मृतक की शर्ट की जेब से बरामद हुए हैं. मृतक के दो भाई और पांच बहने हैं .एक भाई और पांच बहनों की शादी हो चुकी है. निर्मल अभी अविवाहित था. वह पिछले 5 साल से धनबाद में हार्डवेयर की दुकान चला रहा था लेकिन वह अपने इस जीवन से असंतुष्ट चल रहा था. उसके बाद उसने या घातक कदम उठाया. ऐसे लोगों को कौन समझाए की जीवन जीने के लिए मिलता है ना कि आत्महत्या करने के लिए .आत्महत्या करने वाले हमेशा बुजदिल गिने जाते है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो